उत्तराखंड में घूमने के लिए भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के हर कोने से लोग आते हैं। उत्तराखंड के पर्यटन स्थल साल के हर मौसम में पर्यटकों से गुलजार रहते हैं। आँकड़ों की मानें तो कोविड से पहले कुछ सालों में यहाँ हर साल क़रीब साढ़े तीन करोड़ सैलानी घूमने आते रहे हैं।
हालांकि कोविड के दौर में यह संख्या कम ज़रूर हुई है लेकिन भी नॉर्थ इंडिया का यह पहाड़ी राज्य पर्यटकों की पसंद बना रहा। हो भी क्यों ना यहाँ एक ओर झीलें, नदियाँ, हिमालय की पहाड़ियाँ, झरने जैसी प्राकृतिक इनायतें हैं तो वहीं ट्रेकिंग, रिवर राफ़्टिंग, स्कीइंग, माउंटेनियरिंग जैसी एडवेंचर एक्टिविटीज़ का ख़ज़ाना।
गर्मियों में सुहावना मौसम रहता है और सर्दियों में खिलखिलाती धूप और कभी-कभी बर्फ़बारी का आनंद। उत्तराखंड आइए धूप सेंकिए, ठंडी हवा के झौकों का मज़ा लीजिये, नदियों झरनों में नहाइए, झीलों में बोटिंग कीजिए और मन करे तो चढ़ जाइए ऊँचे-ऊँचे पहाड़। यहाँ हर तरह के पर्यटक के लिए कुछ न कुछ ज़रूर है।
तो उत्तराखंड जाने से पहले एक बार इस पहाड़ी राज्य के बारे में थोड़ा जान लीजिए और फिर बताता हूँ कि उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों के बारे में जहां आपको ज़रूर जाना चाहिए।
उत्तराखंड का कुमाऊँ और गढ़वाल मंडल
उत्तराखंड मुख्य रूप से दो मंडलों में बँटा हुआ है। कुमाऊँ मंडल और गढ़वाल मंडल। कुमाऊँ मंडल में 6 ज़िले हैं और गढ़वाल में 7 ज़िले। उत्तराखंड के सभी तेरह ज़िले घूमने के लिहाज़ से किसी जन्नत से कम नहीं हैं।
मोटा-मोटा समझ लीजिए कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और उससे लगे ज़िले गढ़वाल में आते हैं और नैनीताल और उसके आस-पास के ज़िले कुमाऊँ मंडल में। यह उदाहरण बस उन लोगों के लिए है जो अक्सर असमंजस में रहते हैं कि कुमाऊँ कहाँ है और गढ़वाल कहाँ।
कुमाऊँ मंडल
कुमाऊँ मंडल में जो ज़िले आते हैं वो हैं – अल्मोड़ा, नैनीताल, बागेश्वर, उधम सिंह नगर, पिथौरागढ, चंपावत। हिमालय पर्वत श्रिंखलाओं से घिरा हुआ यह इलाक़ा तिब्बत और नेपाल की सीमाओं से लगा है। काली, सरयू, कोसी और रामगंगा जैसी नदियाँ उत्तराखंड के कुमाऊं के इलाके में बहती हैं।
गढ़वाल मंडल
गढ़वाल में मंडल में जो ज़िले आते हैं वो हैं – देहरादून, हरिद्वार, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी और पौढी गढ़वाल। यह मंडल चार धाम यात्रा की वजह से देशभर के धार्मिक पर्यटन का केंद्र भी है। यहाँ के शहर अलकनंदा, मंदाकिनी, गंगा, भागीरथी जैसी नदियों के किनारे बसे हैं।
उत्तराखंड के कुमाऊँ मंडल में घूमने की जगहें
नैनीताल ( Places to visit in Nainital)

नैनीताल नैनी झील के किनारे बसा बेहद खूबसूरत शहर है। ब्रिटिश दौर में यह उनकी समर कैपिटल हुआ करती थी। यहाँ आकर आप नैनीलेक में बोटिंग कर सकते हैं। आस-पास छोटी-छोटी हाइक्स पे जा सकते हैं। मॉल रोड पे टहल सकते हैं। तिब्बती मार्केट से शॉपिंग कर सकते हैं।
आप चाहें तो यहाँ के आसपास की झीलें देखने भी जा सकते हैं जिनमें भीमताल, खुरपाताल, नौकुचियाताल जैसी झीलें प्रमुख हैं। आस-पास रामगढ़ और मुक्तेश्वर जैसे छोटे पहाड़ी क़स्बे हैं जहां जाकर आप घने जंगलों के बीच शांति के कुछ पल गुज़ार सकते हैं। पास ही रामनगर में कोर्बेट नेशनल पार्क में सफ़ारी और वाइल्ड लाइफ़ का मज़ा भी ले सकते हैं।
हाइलाइट्स
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- नैनी लेक में बोटिंग
- नौकुचियाताल में पैराग्लाइडिंग
- रामगढ़ और मुक्तेश्वर में कैम्पिंग और हाइकिंग
- कोर्बेट नैशनल पार्क में सफ़ारी
- पंगोट में बर्ड वाचिंग
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अल्मोड़ा ( Places to visit in Almora)

अल्मोड़ा उत्तराखंड का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह एक पहाड़ी के दोनों तरफ़ बसा हुआ शहर है जिसकी संरचना घोड़े की पीठ की तरह लगती है। अल्मोड़ा से हिमालय के नज़ारे दिखाई देते हैं। जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद से लेकर स्टीव जॉब्स तक अल्मोड़ा शहर में आकर रह चुके हैं। अल्मोड़ा की बैठकी होली और नंदा देवी का मेला यहाँ की संस्कृति की झलक देते हैं तो वहीं खाने-पीने में बाल मिठाई और सिंगोड़ी यहाँ की पहचान है।
अल्मोड़ा के पास ही कसार देवी नाम की बेहद खूबसूरत जगह है जो अपने कैफ़े कल्चर के लिए भी जानी जाती है। नासा के वैज्ञानिकों को यहाँ एक ख़ास रेडिएशन मिला है जो कसार देवी को मेडिटेशन के लिए ख़ास जगह बना देता है। पास ही में जागेश्वर और कटारमल सन टेंपल जैसे मंदिर वर्ल्ड हेरिटेज साइट हैं तो वहीं बिनसर वाली जैसी वाइल्ड लाइफ़ सेंचुरी भी यहाँ है। यहाँ के चितई मंदिर में लोग स्टाम्प पेपर पर लिखकर गोलू देवता से माँगते हैं और इन्हें न्याय का देवता मानते हैं।
हाइलाइट्स
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- बिनसर की वाइल्डलाइफ़
- कसार देवी में मेडिटेशन और हिमालय के नज़ारे
- कटारमल सन टेंपल हाइकिंग और जागेश्वर टेम्पल कॉम्प्लेक्स के दर्शन
- कोसी नदी में फ़िशिंग
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रानीखेत (Places to visit in Ranikhet)

रानीखेत उत्तराखंड के अहम पर्यटन स्थलों में से एक है। आर्मी केंटोनमेंट एरिया हो या गोल्फ़ कोर्स रानीखेत की हरियाली आपका मन मोह लेती है। हिमालय की भी एक बड़ी रेंज यहाँ से दिखाई देती है। रानीखेत के रास्ते में बुग्याल नुमा पहाड़ियाँ पहाड़ की प्यारी धूप सेंकने के लिए मज़ेदार जगह हैं। गोल्फ़ कोर्स के अलावा चौबटिया गार्डन, झूला देवी मंदिर, म्यूज़ियम जैसी जगहों पर आप परिवार के साथ अच्छा समय बिता सकते हैं। अगर आपके पास और वक्त हो तो सोमेश्वर घाटी के इलाके की ख़ूबसूरती का लुत्फ़ लेना न भूलें। हेडाखान खान का मंदिर और द्वाराहाट भी दर्शनीय जगहें हैं।
हाइलाइट्स
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- गोल्फ़ कोर्स
- मजख़ाली गाँव
- चौबटिया गार्डन
- सोमेश्वर घाटी
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पिथौरागढ (Places to visit in Pithoragarh)

पिथौरागढ उत्तराखंड का सीमांत ज़िला है। नेपाल और चीन की सीमाओं से लगे पिथौरागढ शहर को ‘मिनी कश्मीर’ भी कहा जाता है। यहाँ की सोर घाटी की अपनी अलग संस्कृति है। यहाँ आकर आप पाताल भुवनेश्वर की गुफ़ा देखने जा सकते हैं। कालिका मंदिर में शक्तिपीठ के दर्शन कर सकते हैं जिसे शंकराचार्य ने स्थापित किया था। इसके अलावा ध्वज, चंडाक और मोस्टमानू जैसी जगहों पर ट्रेकिंग के लिए भी जा सकते हैं। अगर आप यात्रा के रोमांच को एक अलग स्तर पर ले जाना चाहते हैं तो मैं आपको आदि कैलास और ओम पर्वत का ट्रैक करने की सलाह भी दूँगा।
हाइलाइट्स
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- मोस्टमानू मंदिर
- ध्वज ट्रेकिंग
- महाराजा पार्क
- पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा
- कालिका मंदिर
- चौकोड़ी से हिमालय के नज़ारे
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Himalayan view from chaukori Uttarakhand
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मुनस्यारी (Places to visit in Munsyari)

मुनस्यारी उत्तराखंड का सुदूर इलाक़ा है। प्रकृति को और क़रीब से देखना चाहते हों तो मुन्स्यारी आपके लिए एक बढ़िया जगह हो सकती है। यहाँ आकर आप पंचाचूली पर्वत को एकदम सामने पाते हैं।
हिमालय की बर्फ़ से ढकी इस चोटी को एकदम सामने से देखने का अहसास ही अलग है। आप चाहें तो पंचाचूली को छू आने के लिए पंचाचूली बेस कैम्प और मिलम ग्लेशियर की ट्रेकिंग पर भी जा सकते हैं। मुन्स्यारी जाते हुए रास्ते में बिर्थी फ़ाल के नज़ारे देख़ना न भूलें।
हाइलाइट्स
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- खलिया टॉप से पंचाचूली के नज़ारे
- मिलम ग्लेशियर ट्रेक
- बिर्थी फ़ॉल
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कुमाऊँ के लोकप्रिय ट्रेक (Popular treks of Uttarakhand)

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उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में घूमने की जगहें
ऋषिकेश (Places to visit in Rishikesh)
ऋषिकेश को योग की राजधानी माना जाता है और दुनिया भर से लोग इस विद्या को सीखने यहाँ आते हैं। गंगा नदी के किनारे बसा यह शहर अपने आइकोनिक लक्ष्मण झूला और राम झूला के लिए मशहूर है जिनके नीचे से गंगा नदी शांत भाव से बहती है। तपोवन के पास गंगा के किनारे सुंदर बीच बने हुए हैं जहां जाकर आप बढ़िया समय बिता सकते हैं। ऋषिकेश में कुछ बेहतरीन कैफ़े भी हैं जहां सुबह का नाश्ता किया जा सकता है। यहाँ की बाज़ार से आप शंख और कुर्ते जैसी चीज़ें भी ख़रीद सकते हैं। पटना वॉटरफ़ॉल और नीरगढ़ वॉटरफ़ॉल में नहाने का अपना अलग मज़ा है। पास ही तीर्थनगरी हरिद्वार है जहां कुंभ मेले के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं।
वॉटर स्पोर्ट्स के लिए ऋषिकेश बहुत मशहूर है। रिवर राफ़्टिंग और बंजी जंपिंग के साथ आप यहाँ क्लिफ जंपिंग का मज़ा भी ले सकते हैं। पास के जंगलों में कैम्पिंग के भी इंतज़ाम आपको मिल जाएँगे।
हाइलाइट्स
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- शिवपुरी से गंगा में रिवर राफ़्टिंग
- बंजी जंपिंग
- योग ट्रेनिंग
- पटना वॉटरफ़ॉल और नीरगढ वाटरफ़ॉल ट्रेक
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चकराता (Places to visit in Chakrata)
चकराता एक केंट एरिया है और घूमने के लिए खूबसूरत जगह है। यहाँ से आगे पुरौला की घाटी बेहद खूबसूरत लगती है। तिउनी के इलाके के किनारे बहने वाली टोंस नदी भी बेहद खूबसूरत लगती है। आप चाहें तो यहाँ से मसूरी की तरफ़ भी बढ़ सकते हैं और रास्ते में जौनसार के इलाके को देख सकते हैं। लाखमंडल के इलाके में ज़मीन की खुदाई से निकले मंदिर भी आपको देखने चाहिए। सांकरी की तरफ़ बढ़कर आप केदारकांटा और हर की दून की ट्रेकिंग पर भी निकल सकते हैं।
हाइलाइट्स
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- केंट एरिया
- जौनसार भाबर
- पुरौला घाटी
- सांकरी से ट्रेकिंग
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मसूरी (Places to visit in Mussoorie)
मसूरी को पहाड़ों की रानी कहा जाता है। यहाँ की मॉल रोड पर चहलक़दमी करना बेहद खूबसूरत अहसास है। लेंढोर के कैफ़े भी आपको लुभाते हैं। नागटिब्बा में कैम्पिंग के अनुभव लिए जा सकते हैं। यहाँ के केम्प्टी फ़ॉल में नहाने का अनुभव भी मज़ेदार हो सकता है बशर्ते कि वहाँ बहुत भीड़ न हो।
हाइलाइट्स
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- नागटिब्बा ट्रेक
- लेंढोर के कैफ़े
- केम्प्टी फ़ॉल
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बद्रीनाथ (Places to visit in Badrinath)

बद्रीनाथ चार धामों में से एक है और चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। बद्रीनाथ आकर आप धाम के दर्शन कर सकते हैं लेकिन इसके अलावा भी यहाँ बहुत कुछ है। बद्रीनाथ से आगे आप माणा तक जा सकते हैं जिसे भारत का अंतिम गाँव कहा जाता है। इसके अलावा वासुधारा फ़ॉल और सतोपंथ का ट्रेक भी कर सकते हैं। दूसरी तरफ़ वैली ऑफ़ फ़्लावर और हेमकुंड साहब की ट्रेकिंग भी यहाँ आकर की जा सकती है।
हाइलाइट्स
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- भारत का अंतिम गाँव माणा
- वासुधारा ट्रेक
- सतोपंथ ट्रेक
- वैली ऑफ़ फ़्लावर
- हेमकुंड साहब
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केदारनाथ (Places to visit in Kedarnath)

बद्रीनाथ की तरह केदारनाथ भी चार धामों में से एक है। यह पंचकेदार में से एक है और देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे अहम माना जाता है। समुद्रतल से क़रीब 3600 मीटर की ऊँचाई पर मौजूद यह जगह बेहद खूबसूरत है। यहाँ आएँ तो आप सोनप्रयाग भी जा सकते हैं। इसके अलावा वासुकी ताल, गौरी कुंड, बैजनाथ जैसी जगहों की ट्रेकिंग भी आप कर सकते हैं।
हाइलाइट्स
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- केदारनाथ मंदिर दर्शन
- वासुकी ताल ट्रेक
- गौरी कुंड ट्रेक
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गढ़वाल के लोकप्रिय ट्रेक

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- केदारकांठा ट्रेक
- वैली ऑफ़ फ़्लावर ट्रैक
- वासुधारा और सतोपंथ ट्रैक
- चंद्रशिला ट्रैक
- रूपिन पास ट्रैक
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उत्तराखंड घूमने का सही समय
(Best time to visit Uttarakhand)
मार्च से अप्रैल तक और सितंबर से अक्टूबर तक के महीने उत्तराखंड आने के लिए सबसे सही हैं। सर्दियों में तैयारी के साथ आएँ तो आप कभी भी आ सकते हैं और बर्फ़बारी का लुत्फ़ ले सकते हैं। विंटर ट्रेक्स पर जाने के लिए भी अक्टूबर से नवम्बर के महीने सही रहते हैं। जब उत्तर भारत में चिलचिलाती गर्मी पड़ती है तब भी राहत पाने के लिए पर्यटक यहाँ आना पसंद करते हैं। हालांकि पहाड़ की बरसातें भी खूबसूरत होती हैं लेकिन इन दिनों यहाँ लैंड स्लाइड का ख़तरा भी पढ़ जाता है इसलिए इस मौसम में पर्यटक कुछ कम आते हैं।
उत्तराखंड कैसे जाएं (How to reach Uttarakhand)
उत्तराखंड में गढ़वाल की तरफ़ जाने के लिए आपको देहरादून जाना होगा। देहरादून उत्तराखंड की राजधानी है और देश के बड़े शहरों से वायु मार्ग, रेलवे और सड़क मार्ग से सीधे जुड़ा है। देहरादून से सभी प्रमुख जगहों के लिए लगातार बस सेवाएँ मौजूद हैं। आप चाहें तो कैब भी कर सकते हैं।
उत्तराखंड में कुमाऊँ की तरफ़ जाने के लिए आपको पंतनगर तक हवाई सेवाएँ मिल जाएँगी। काठगोदाम यहाँ का सबसे प्रमुख और अकेला रेलवे स्टेशन है। सड़क मार्ग से जाने के लिए कुमाऊँ के प्रमुख शहर सड़क मार्ग से भी सीधे जुड़े हैं।
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