Pamban Rail Bridge

तमिल नाडु के रामेश्वरम में कहाँ घूमें, कब जाएँ, कहाँ रहें

रामेश्वरम, दक्षिण भारत के तमिल नाडु (Rameswaram Tamil nadu) का एक द्वीप है जो मुख्यतौर से स्वामीरामनाथ मंदिर के लिए मशहूर है। देश के दक्षिणी छोर के क़रीब मौजूद रामेश्वरम जहां एक ओर धार्मिक आस्था का केंद्र है तो वहीं इंजीनियरिंग की कारीगरी की बेमिसाल नज़ीर भी यहाँ देखने को मिलती है।

इसके अलावा रामायण की कहानियों में भी इस जगह का ज़िक्र देखने को मिलता है। यहाँ के बेहतरीन समुद्री किनारे भी पर्यटकों को लुभाते हैं।

आइए इस लेख में जानते हैं कि रामेश्वरम में घूमने की जगहें कौन सी हैं, रामेश्वरम पहुँचते कैसे हैं और आप रामेश्वरम की यात्रा की योजना कैसे बना सकते हैं।

रामेश्वरम में घूमने की जगहें (Places to visit in Rameswaram Tamil Nadu)

रामेश्वरम मुख्यतौर पर अपने मंदिरों और समुद्र तटों के लिए जाना जाता है। यहाँ घूमने की ख़ास जगहें ये रही

 

स्वामीरामनाथन मंदिर (Ramanathaswami temple)

Ramanthaswami temple Rameswaram tamil nadu

 

 

इसे रामनाथस्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव का यह मंदिर देश में मौजूद बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है इसलिए इसका धार्मिक महत्व बहुत ज़्यादा है।

स्वामीरामनाथन मंदिर (Ramanathaswami temple) के बारे में मान्यता है कि रावण को मार गिराने के बाद जब राम लंका से लौटे तो उन्होंने इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग की पूजा करके खुद को हत्या के पाप से मुक्त किया। एक मान्यता यह भी है कि लंका के युद्ध से पहले राम इसी मंदिर में आए और उन्होंने यहाँ शिवलिंग स्थापित करके अपनी जीत के लिए भगवान शिव की पूजा की।

इस मंदिर में बाईस कुंड हैं। माना जाता है कि इनमें देश की सभी नदियों का पानी है। इसलिए इन कुंडों से बाईस कुंडी स्नान करके लोग अपने पाप धो सकते हैं।

मंदिर में चार मुख्य द्वार हैं जिन्हें गोपुरम कहा जाता है। ये गोपुरम मंदिर के चार अलग-अलग छोरों पर बने हैं जो दूर से ही नज़र आते हैं। पीले रंग में रंगे इन गोपुरम का स्थापत्य वाक़ई देखने लायक है।

स्वामी रामनाथ मंदिर के विशाल प्रांगण में जो ग़लीचा या कोरीडोर बना है वो विश्व के सबसे बड़े मंदिर कोरीडोर में शुमार किया जाता है। इसके अलावा मंदिर के भीतर मौजूद शिवलिंग के दर्शन के लिए सुबह से ही लाइन लगनी शुरू हो जाती है। दर्शन से पहले श्रद्धालु मंदिर के बाहर समुद्र पर बने घाट में स्नान करते हैं।

यह मंदिर दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला की बेहतरीन बानगी पेश करता है।

 

धनुषकोडी बीच और गाँव (Dhanushkodi Ghost village)

Danushkodi beach Ashok

 

रामेश्वरम के मंदिर से क़रीब बीस किलोमीटर की दूरी पर मौजूद धनुषकोडी रामेश्वरम (Dhanushkodi Rameswaram) में घूमने की एक और बेहतरीन जगह है। 1964 में यहाँ एक भीषण चक्रवात आया जिसमें यह पूरा इलाक़ा तबाह हो गया। तबसे इस जगह को दुबारा नहीं बसाया गया और अब इसे घोस्ट विलेज के नाम से जाना जाता है।

धनुषकोडी गाँव से कुछ आगे भारत के अंतिम छोर पर बीच बना हुआ है जहां मुख्य सड़क पर मौजूद चबूतरे पर बनी अशोक की लाट का स्तम्भ दूर से ही आकृषित करता है। धनुषकोडी की ख़ास बात यह है कि यहाँ आकर भारत की सीमा समाप्त हो जाती है और यहाँ से 24 किलोमीटर दूर श्रीलंका का तलैमन्नार नाम का इलाक़ा है।

धनुषकोडी में सड़क के एक ओर बंगाल की खाड़ी है तो दूसरी ओर हिंद महासागर। धनुषकोडी के अंतिम छोर पर हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी आपस में मिलती हैं। इस लिहाज़ से यह जगह उन विरली जगहों में है जहां दो समुद्र आपस में मिलते हैं। हालांकि भारत के दक्षिणतम इलाके कन्याकुमारी तीन समुद्र आपस में मिलते हैं।

मान्यता है कि यही वो जगह है जहां रामसेतु का निर्माण किया गया था जिससे चलकर राम की सेना ने लंका पर आक्रमण किया था। कहा जाता है है कि पत्थरों की एक लकीर के रूप में रामसेतु के अवशेष समुद्र में कहीं अब भी मौजूद हैं।


रामेश्वरम पर मेरा व्लॉग यहाँ देखें


पंबन ब्रिज (Pamban Briidge Rameswaram tamil nadu)

Pamban Rail Bridge

 

यह पुल (Pamban bridge) पंबन द्वीप के ज़रिए रामेश्वरम को शेष भारत से जोड़ने वाला पुल है। ख़ास बात यह है कि यहाँ एक नहीं बल्कि दो पुल हैं जिनमें से एक रेलवे ब्रिज है जो समुद्र पर बना देश का सबसे लम्बा रेलवे ब्रिज है। दूसरा पुल रोड ब्रिज है जो कुछ समय पहले तक समुद्र पा बना देश का सबसे लम्बा रोड ब्रिज था लेकिन महाराष्ट्र के मुम्बई में बोम्बे वर्ली सी लिंक के बन जाने के बाद यह दूसरे स्थान पर चला गया है।

रोड ब्रिज के किनारे खड़े होकर आप समुद्र पर बने इस अनोखे रेल ब्रिज को देख सकते हैं। पुल की ख़ास बात है कि जब बड़े क्रूज़ यहाँ से गुज़रते हैं तो इसका एक हिस्सा खुलकर ऊपर की तरह आ जाता है जिससे क्रूज़ पुल के दूसरी तरफ़ जा सकें।

आप चाहें तो पंबन गाँव से फ़ेरी राइड का मज़ा भी ले सकते हैं।

 

आर्यमान बीच (Ariyaman Beach Rameswaram)

 

रामेश्वरम से पंबन पुल पार करके आप इस आर्यमान बीच पर कुछ वक्त बिता सकते हैं। यह एक खूबसूरत सेंड बीच है जहां से आप समुद्र की लहरों को निहारते सूर्यास्त या सूर्योदय का आनंद ले सकते हैं। यहाँ समुद्र का बहाव काफ़ी शांत है इसलिए आप चाहें तो तैराकी का आनंद भी ले सकते हैं।

रामेश्वरम से आर्यमान बीच की दूरी (Distance between Ramesvaram to Ariyaman beach) इसकी दूरी क़रीब तीस किलोमीटर है जहां क़रीब एक घंटे में पहुँचा जा सकता है। 

 

रामेश्वरम घूमने का प्लान

Rameswaram trip Umesh Pant

 

रामेश्वरम घूमने के लिए आप यहाँ कम से कम दो दिन लेकर आएं। पहले दिन आप रामेश्वरम के मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। इसमें आपको क़रीब दो से तीन घंटे का समय लगेगा। दिन में आराम करने के बाद आप शाम को धनुषकोडी घूमने जा सकते हैं। 

अगले दिन आप सुबह के वक्त पंबन पुल पर जा सकते हैं। आप चाहें तो पंबन गाँव से बोट लेकर कूछ देर बोटिंग का लुत्फ़ भी ले सकते हैं। दूसरे हाफ़ का समय आप आर्यमान बीच पर बिता सकते हैं। सूर्यास्त के समय यहाँ जाएं तो और बेहतर रहेगा। 

 

रामेश्वरम कैसे पहुँचें (How to reach Rameswaram Tamil Nadu)

रामेश्वरम के लिए नज़दीकी हवाई अड्डा मदुरई में है जो रामेश्वरम से क़रीब 170 किलोमीटर की दूरी पर है। रामेश्वरम तक आप सीधे ट्रेन से भी आ सकते हैं। ट्रेन आपको पंबन रेल ब्रिज से लेकर आती है।

यह देश की सबसे खूबसूरत रेलवे यात्राओं में से है इसलिए पर्यटकों में काफ़ी लोकप्रिय भी है। बस या टैक्सी से भी आप रामेश्वरम तक आ सकते हैं। 

 

रामेश्वरम कब जाएं (Best time to visit Rameswaram)

रामेश्वरम जाने के लिए सर्दियों का समय सबसे बढ़िया रहता है। यानी रामेश्वरम जाने का सबसे सही समय अक्टूबर से फ़रवरी का है। देश का दक्षिणतम इलाक़ा होने की वजह से यहाँ गर्मी बहुत ज़्यादा होती है।

इसलिए मार्च के बाद बारिशों तक लोग यहाँ आना पसंद नहीं करते। उसके बाद बारिशों के समय बाकी समुद्री किनारों की तरह यहाँ भी बहुत बारिश होती है। इसलिए सर्दियों के समय रामेश्वरम जाना सबसे बढ़िया रहता है।

 

रामेश्वरम में कहाँ रहें ( Where to stay in Rameswaram)

रामेश्वरम में रहने के लिए आपको मुख्य मंदिर के पास ही बहुत से होटल मिल जाएँगे। मंदिर के पास रहना सबसे सही रहता है क्योंकि सुबह दर्शन के लिए आप समय पर पहुँचते हैं। साथ ही मंदिर के आस-पास खाने पीने की जगहों की भी कोई कमी नहीं है। यहाँ से आपको आस-पास घूमने वाली जगहों के लिए ऑटो और टैक्सी वग़ैरह भी मिल जाती है।

धार्मिक जगह होने के कारण होटल यहाँ ज़्यादा महँगे नहीं हैं लेकिन बेहतर होगा कि आप बुकिंग आने से पहले ही कर लें क्योंकि यहाँ पर्यटक बहुत ज़्यादा संख्या में आते हैं। 

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उमेश पंत

उमेश पंत यात्राकार के संस्थापक-सम्पादक हैं। यात्रा वृत्तांत 'इनरलाइन पास' और 'दूर दुर्गम दुरुस्त' के लेखक हैं। रेडियो के लिए कई कहानियां लिख चुके हैं। पत्रकार भी रहे हैं। और घुमक्कड़ी उनकी रगों में बसती है।

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