Alibag beach

अलीबाग के आस-पास इन समुद्री किनारों पर ज़रूर घूमें

(Last Updated On: April 3, 2023)

शोर-शराबे से दूर समुद्री किनारों का शांत जीवन अगर आपको आकर्षित करता है तो अलीबाग और उसके करीबी समुद्री तट आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं।

अरब सागर के किनारे बसा महाराष्ट्र के कोकण इलाके का यह शहर न केवल अपने समुद्री विस्तार के लिए जाना जाता है बल्कि यहाँ मौजूद किले मराठा इतिहास की भी एक खूबसूरत झलक पेश करते हैं।

किसी वीकेंड रोड ट्रिप का मन हो या रोमांचक समुद्री सफ़र का आनंद लेने का, अलीबाग का सफ़र दोनों ही लिहाज़ से आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है।


अलीबाग बीच और किले

Alibagh

 

मांडवा से बस या कैब में क़रीब एक घंटे का सफर तय आप अलीबाग पहुँचते हैं। रास्ते में छोटे-छोटे एक मंज़िल के घर और इन घरों के इर्द गिर्द हरियाली और इफरात की जगह देखकर लगता है कि आप शोर-शराबे की दुनिया को कहीं पीछे छोड़ आए हों।

रास्ते भर छोटे-छोटे गाँव हैं जिनमें होमस्टे सरीखे रिसॉर्ट या घर बने हैं जहां एक-दो दिनों के लिए सुकून से रहा जा सकता है। मिनटों की पैदल दूरी पर आप समंदर के किनारों पर बपौती का अहसास पा सकते हैं। दूर दूर तक कोई नहीं।

सिर्फ आप, आपके अपने और दूर दूर तक फैली शांति जिसे बीच-बीच में लहरों की आवाज छेड़ सी जाती है। 

अलीबाग में समुद्र के बीचों-बीच बने कोलाबा क़िले में मराठा साम्राज्य के वैभवशाली इतिहास के चिह्न देखने को मिलते हैं।

इस क़िले तक पहुँचने के लिए आपको पूर्ण ज्वार के समय जाना होगा। पेशवाओं के साम्राज्य के दौरान बना खांडेरी का क़िला भी यहाँ का मुख्य आकर्षण है। अलीबाग के इतिहास में बेनी इज़राइली यहूदियों का महत्वपूर्ण स्थान है जो यहाँ क़रीब 200 सालों तक रहे।

कहा जाता है कि अली नाम के एक अमीर इज़राइली यहूदी ने यहाँ कई बगीचे बनाए और उसी के नाम पर इस जगह का नाम अलीबाग पढ़ गया। यहाँ मौजूद इज़राइल आली नाम की एक जगह पर यहूदियों का एक उपासनाग्रह भी बना है। 


काशिद और मुरुद जंजिरा 

Murud Village
Murud Village in Maharashtra

अलीबाग से काशिद की तरफ़ खूबसूरत सड़क से तकरीबन डेढ़ घंटे का सफर एक और खूबसूरत समुद्री किनारे तक ले आता है। काशिद नाम के इस बीच में लोग समंदर की लहरों से इत्मिनान के साथ साथ थोड़ी-थोड़ी मस्तियां बटोरने चले आते हैं। यहां पर बनाना राइड, पैराशूट, स्ट्रीमर वगैरह का मजा भी लिया जा सकता है।

काशिद से आगे फिर सवा घंटे का सफर मुरुद के समुद्री किनारे का है। इस किनारे से पाल वाली कुछ नावें जंजिरा नाम के एक किले तक ले जाती हैं। इस किले के स्थापत्य की खासियत ये है कि इसका मुख्य द्वार तब तक नहीं दिखाई देता जब तक आप इसके बिल्कुल सामने न हों।

Ferry to Murud Janjira
Ferry to Murud Janjira

एक द्वीप पर बना यह किला इसलिए भी मशहूर है क्योंकि पश्चिमी समुद्री तटों में यह एक अकेला किला है जिसे डच, मराठा और ईस्ट इंडिया कंपनी जैसे आक्रामक साम्राज्य भी जीत नहीं पाये।

यह किला रामपाटिल नाम के एक मछुआरों के एक नेता ने बनाया था जिसका मकसद समुद्री डाकुओं से मछुआरों के कोली समाज की रक्षा करना था।

बाद में अहमद नगर के निजाम ने अपने सिपहसालारों को भेजकर इसपर अपना कब्जा कर लिया और तत्कालीन किले को तोड़कर एक अभेद्य किले का निर्माण किया। यह एक ऐसा किला है जो भारतीय समुद्री किलों में सबसे मजबूत किलों में से एक बन गया।


दिव्यागार बीच 

Ferry to Divyagar beach
Ferry to Divyagar beach Maharashtra

आप इस समुद्री यात्रा के आनंद को कुछ और बढ़ाना चाहते हों तो सफर और लंबा चल सकता है। मुरुड से ही एक और स्ट्रीमर दिग्गी नाम के एक सदूर गांव की तरफ जाता है। लगभग 30 मिनट की समुद्री यात्रा के बीच डूबते हुए सूरज को देखने का अपना ही सुख है।

Divyagar Beach
Visit to Divyagar Beach Maharashtra

किसी दूसरी दुनिया में चले आने सरीखे इस अनुभव के बाद दिग्गी पहुंचना और वहां से 15 मिनट की दूरी पर दिव्यागार नाम के एक एकांत भरे सुंदर समुद्री किनारे पर पहुंचना इत्‍मीनान से दोस्ती कर लेने सा लगता है।

सुपारी के पेड़ों के बीच बांस के खंभों पर टिके हट्स में रात में बिताने का अनुभव यहाँ आकर आपको ज़रूर लेना चाहिए।


समुद्र तटों पर सीफ़ूड का ज़ायका 

इन समुद्री किनारों पर मछली के बने व्यंजनों और प्रोंस का स्वाद लेना बिल्कुल न भूलें। स्थानीय रेशाद मसालों में बने ये स्वादिष्ट व्यंजन आपके सफ़र के ज़ायक़े को और बढ़ा देंगे। ख़ास स्थानीय पेय सोल कड़ी स्वाद भी यहाँ आकर आपको ज़रूर लेना चाहिए।


अलीबाग, काशिद, मुरुद और दिव्यागार कब  जाएँ 

आमतौर पर इन समुद्री तटों का मौसम सुहावना रहता है। हांलांकि बारिशों में समुद्र तटों पर जाना थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है। गर्मियों के बाद और ख़ासकर सर्दियों में यहाँ आकर आप यहाँ की बीच लाइफ़ का भरपूर लुत्फ़ ले सकते हैं।


अलीबाग, काशिद, मुरुद और दिव्यागार कैसे पहुँचें 

नज़दीकी शहर मुंबई से अलीबाग और उसके करीबी समुद्री किनारों तक आप दो तरीकों से पहुँच सकते हैं।

पहला तरीका रेल मार्ग का है जिसके लिए आपको नज़दीकी रेलवे स्टेशन पेन तक आना होगा।

दूसरा तरीका समुद्री सफ़र का है। मुंबई के गेटवे ऑफ़ इंडिया से आप जेटी लेकर करीब डेढ़ घंटे में मांडवा नाम की जगह पर पहुँच सकते हैं। वहाँ से कैब या ऑटो लेकर आप अलीबाग पहुँच सकते हैं। अलीबाग से काशिद और मुरुड पहुँचने के लिए भी आपको कैब लेकर ही आना होगा। 

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उमेश पंत

उमेश पंत यात्राकार के संस्थापक-सम्पादक हैं। यात्रा वृत्तांत 'इनरलाइन पास' और 'दूर दुर्गम दुरुस्त' के लेखक हैं। रेडियो के लिए कई कहानियां लिख चुके हैं। पत्रकार भी रहे हैं। और घुमक्कड़ी उनकी रगों में बसती है।

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