नागालैंड का हॉर्नबिल फ़ेस्टिवल (Hornbill festival in Nagaland) किसामा हेरिटेज विलेज नाम के गाँव में होने वाला फ़ेस्टिवल है जिसमें नागालैंड की 17 जनजातियाँ (Tribes of Nagaland) अपनी आदिवासी संस्कृति को पूरे गर्व से दुनियाभर से आए लोगों के बीच साझा करती हैं.
नागालैंड (Nagaland) की राजधानी कोहिमा के पास किसामा नाम के गाँव में है एक हेरिटेज विलेज जहां दिसंबर के महीने में 10 दिनों के लिए नागालैंड का पूरा इतिहास जी उठता है.
नागाओं के पुराने रीति-रिवाजों और मान्यताओं की झलक (Nagaland tribal cultural)
हर जनजाति का अलग पहनावा, अलग खान-पान और एकदम अलग रंग. यहां बने अलग-अलग स्टॉल में नागालैंड के फ़ेमस हैंडलूम के काम की नुमाइश होती है. यहां आप उनका वुडवर्क और अनोखे टोटम देख सकते हैं जो नागाओं के पुराने रीति-रिवाजों और मान्यताओं की झलक देते हैं.
हॉर्नबिल फ़ेस्टिवल (Hornbill festival Nagaland) में आप दूसरे विश्वयुद्ध में नागाओं के योगदान के बारे में भी बहुत कुछ जान सकते हैं. नागाओं ने अगर अलाइड फ़ोर्स में शामिल ब्रिटिश सेना की मदद न की होती तो शायद आज दुनिया का इतिहास किसी और तरह से लिखा जाता.
दस दिनों तक कई प्रतियोगिताएं चलती हैं
इन दस दिनों में किसामा हेरिटेज विलेज (Kisama Haritage Village) के मेन ग्राउंड में फ़ोक डांस की कई प्रतियोगिताएँ होती हैं जिनमें नागालैंड ही नहीं बल्कि पूरे देश से आई टीम्स अपना-अपना लोकनृत्य पेश करती हैं.
इस ग्राउंड में दस दिनों तक लगातार न जाने कितने तरह के कम्पटिशन होते रहते हैं. कुश्ती से लेकर मिर्ची खाने तक हर तरह की प्रतियोगिताएँ इस फ़ेस्टिवल को और एंटरटेनिंग बना देती हैं.
यह गाँव नागालैंड के पुराने मोरुंग सिस्टम की याद दिलाता है. मोरुंग नागा ट्राइब्स में पुराने समय से चलता रहा एक तरह गुरुकुल सिस्टम ही है.
नागालैंड के फ़ेमस हॉर्नबिल पक्षी के नाम पर होता है हॉर्नबिल फ़ेस्टिवल
हॉर्नबिल फ़ेस्टिवल का नाम पड़ा है नागालैंड के फ़ेमस हॉर्नबिल पक्षी के नाम पर जो अब लुप्त होता जा रहा है. इस पक्षी के पंख और चोंच को नागा संस्कृति में बहुत ही अहम माना जाता है. शायद इसके विलुप्त होने के पीछे भी यही वजह रही है.
ख़ैर रात को यहाँ कुछ और ही माहौल होता है. पूरे नागालैंड से आए लोगों के बीच ढ़ेर सारा डांस और राइस बियर.
अगर नागालैंड की संस्कृति और परंपराओं की झलक देखनी हो तो आपको एक बार नागालैंड के इस हॉर्नबिल फ़ेस्टिवल में ज़रूर आना चाहिए.
जूको वैली (Dzukou Valley)
नागालैंड के जखामा से यह पैदल यात्रा शुरू होती है. घने नागा जंगलों के बीच क़रीब 6 किलोमीटर का ट्रैक करके आप एक ऐसी जगह पहुंचते हैं जहां पहुँचकर आपको अपनी आंखों पर यक़ीन नहीं होगा कि कोई जगह इतनी ख़ूबसूरत कैसे हो सकती है?
ज़ूको वैली समुद्र तल से क़रीब 2400 मीटर के एलीवेशन पर बनी है. यह घाटी भारत की सबसे ख़ूबसूरत पहाड़ी घाटियों में एक है. इस घाटी में एक खास फूल होता है जिसे ज़ूको लिली कहते हैं. ये फूल और कहीं नहीं पाया जाता.
जूको वैली के बारे में जानने के लिए यह भी देखें
इस वीडियो में देखिए नागालैंड के हॉर्नबिल फ़ेस्टिवल और जूको वैली के शानदार नज़ारे