स्विट्ज़रलैंड का लूसर्न यूरोप में घूमने की बेहतरीन जगहों में हैं। रूस नदी के किनारे बसा यह शहर अपनी बेहद खूबसूरत झील, सदियों पुराने लकड़ी के पुल और यूरोपीय आल्प्स के नज़ारों के लिए मशहूर है।
अपनी यूरोप यात्रा के अगले दिन हम सुबह-सुबह बस में बैठकर पेरिस से ल्यूसर्न की तरफ़ निकले. ये सफ़र क़रीब 600 किलोमीटर का था और जिस रफ़्तार से हम चल रहे थे हमें ल्यूसर्न (Lucerne) पहुँचने में क़रीब 7 घंटे लगने थे. लम्बी रोड ट्रिप के लिए एकदम बढ़िया जगह थी ये. रास्ते भर हरे-भरे खेत और सुंदर-सुंदर घर. मैं तो खिड़की से बाहर देखने से ख़ुद को रोक ही नहीं पा रहा था. इस डर से कि कहीं कोई बढ़िया नज़ारा छूट न जाए. बस के अंदर चल रही थी अंताक्षरी. लम्बा सफ़र हो, भारतीय लोग हों और अंताक्षरी न हो. ऐसा भला कैसे हो सकता है?

स्विट्जरलैंड और फ़्रांस का बॉर्डर है बेसल
सफ़र बढ़िया चल रहा था. हमने बेसल में फ़्रांस (France) और स्विट्जरलैंड (Switzerland) के बीच की सीमा पार की. बेसल दरअसल राइन नदी (Rhine river) पर बना एक ट्राईजंक्शन है. मतलब एक तिराहा, जहां से एक रोड फ़्रांस को जाती है, एक जर्मनी को और एक स्विट्ज़रलैंड की तरफ़. यानी ये सरहद का इलाका था. अब सरहद मतलब ये मत समझिएगा कि यहां काँटे वाली तार होगी. बंदूक लिए आर्मी के जवान होंगे. ना ना. यहां तो लग ही नहीं रहा था कि ये देशों के बीच की सीमा है. ऐसा लग रहा था कि एक शहर से निकले और आ गए दूसरे शहर में.

स्विट्जरलैंड के शहर लूसर्न की ओल्ड मार्केट
दिन के क़रीब 2 बजे हम लूसर्न में थे. ल्यूसर्न (Lucern) स्विट्जरलैंड का एक ख़ूबसूरत शहर है जिसकी जनसंख्या क़रीब 81 हज़ार है. यहां के 60 फ़ीसदी से ज़्यादा लोग जर्मन बोलते हैं. इसके अलावा फ़्रेंच और इटैलियन यहां की मुख्य भाषाएँ हैं.

स्विट्जरलैंड के लूसर्न की मशहूर लेक
लूसर्न लेक और रूस (Reuss river) नदी के किनारे बने इस शांत शहर से स्विस आल्प्स (Alps) की पहाड़ियाँ नज़र आ रही थी. अपनी रफ़्तार में गुज़रता एक प्यारा सा शहर लगा लूसर्न. शांति से बहती इस झील के किनारे हमने क़रीब एक घंटा बिताया. यहां का रेलवे स्टेशन भी एकदम बग़ल में था. शहर में घूमने के लिए ख़ूबसरत ट्राम्स भी यहां से आती-जाती दिख रही थी. पास में नज़र आ रहा था एक ख़ूबसूरत पुल.

स्विट्जरलैंड के लूसर्न का मशहूर चैपल ब्रिज (Chapel bridge)
पास आए तो पता चला ये है – चैपल ब्रिज पर. 1333 में बना यह लकड़ी का पुल लूसर्न के मुख्य आकर्षण में से एक है. ये पुल यूरोप का सबसे पुराना लकड़ी का बना पुल है जो ऊपर से ढँका हुआ है.

पुल में एक खास बात ये थी कि इसकी छत पर कई पेंटिंग्स लगी हुई थी. यहां के इतिहास से जुड़ी घटनाओं पर बनीं ये पेंटिग्स सत्रहवीं शताब्दी में एक लोकल पेंटर ने बनाई थी.

लेकिन पता है 1993 में हुआ ये कि इस पुल में आग लग गई और दुर्भाग्य से ज़्यादातर पेंटिंग्स जलकर ख़ाक हो गईं. ख़ैर, बाद में पुल रीस्टोर हुआ और बची हुई पेंटिंग्स यहां लगा दी गईं.

खास बात ये है कि पुल के दोनों ओर क़रीने से फूल लगाए गए हैं और इसकी खूबसूरती और बढ़ गई है.
लूसर्न की फ़ार्मर्स मार्केट
पुल के पास ही एक फ़ार्मर्स मार्केट भी थी. शायद इसी वजह से यहां केवल टूरिस्ट ही नहीं, लोकल लोगों की चहल-पहल भी अच्छी ख़ासी थी. सुना था कि यहां का मौडर्न आर्ट म्यूज़ियम भी बहुत फ़ेमस है, लेकिन फिलहाल हमारे पास वहां जाने का वक़्त नहीं था.

कुछ और खास बातें

लूसर्न के बारे में एक खास बात ये है कि ये शहर टैक्स सेवर्स के लिए जन्नत से कम नहीं है. पूरे स्विट्ज़रलैंड में यहां सबसे कम टैक्स लिया जाता है. एक बेहतरीन यूरोपीय अहसास वाले इस शहर में क्या प्यारा सा दिन गुज़रा था. फ़िलहाल इस शहर के साथ हमारा राबता इतना ही था और यात्राओं की सबसे अच्छी बात यही है कि आप कुछ अच्छी यादें बटोरते हैं और फिर बिना किसी बोझ के आगे बढ़ जाते हैं.
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