अल्मोड़ा (Almora Uttarakhand) , उत्तराखंड (का एक बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। लेकिन यहाँ कई ऐसी ऐतिहासिक विरासतें हैं जिनके बारे में लोग कम ही जानते हैं। उत्तराखंड घूमने आप कई बार गए होंगे लेकिन यह बात आपको शायद ही मालूम होगी कि कोणार्क के सूर्य मंदिर की तरह ही यहाँ भी एक सूर्य मंदिर है।
या फिर पेरू के माचु-पिचु और इंग्लेंड के स्टोनहेंज के अलावा एक ऐसी जगह यहाँ है जहां एक ख़ास चुंबकीय क्षेत्र पाया जाता है जो दुनिया की केवल तीन ही जगहों पर पाया जाता है। हिमालय की हिमाच्छादित पर्वत ऋंखलाओं से घिरा उत्तराखंड का अल्मोड़ा एक ऐसी ही जगह है जिसकी इन्हीं विशेषताओं के चलते स्वामी विवेकानंद से लेकर महात्मा गांधी तक और डीएच लोरेंस से लेकर बॉब डिलेन और उमा थर्मन जैसी हस्तियाँ इस शहर की तरफ़ आकर्षित हुए बिना नहीं रह पाईं।
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अल्मोड़ा उत्तराखंड में घूमने की जगहें (Places to visit in Almora Uttarakhand)
पटाल बाज़ार और लाला बाज़ार (Almora Uttarakhand Market)
पहाड़ के ढलानों के दोनों तरफ़ बसे अल्मोड़ा की भौगोलिक बसावट की वजह से कहा जाता है कि यह घोड़े की पीठ पर बसा शहर है। इस पहाड़ की पूर्वी ढलान को तेलीफट और पश्चिमी ढलान को सेलीफट कहा जाता है। ये दोनों हिस्से जहां मिलते है उस रिज पर अल्मोड़ा की मशहूर पटाल बाज़ार और लाला बाज़ार स्थित है।
पत्थर के पटालों के फ़र्श वाली इस बाज़ार की चहल-पहल देखने लायक होती है। बाज़ार की दुकानों और इसके आस-पास के घरों की काष्ठकला और स्थापत्य आपको विशेष आकर्षित करती हैं। हाल ही में सरकार की ओर से इस बाज़ार के रंग-रोगन का काम भी किया गया है जिससे लकड़ी के ये घर और निखर गए हैं।
हज़ार साल पुराना नंदा देवी मंदिर (Nanda Devi Temple Almora)
कोसी और सुयाल नदियों के किनारे पहाड़ी पर बसे अल्मोड़ा के मुख्य बाज़ार के पास ही बना नंदा देवी मंदिर एक ख़ास सांस्कृतिक महत्व रखता है। लकड़ी की खूबसूरत छत के बीच बने पत्थर के विशाल अमलका या मुकुट वाली इमारत, हज़ार साल से भी पुराने इस मंदिर की ख़ास पहचान है।
यहाँ बीते चार सौ सालों से सितंबर में अष्टमी के दिन नंदा देवी का मेला लगता है जिसमें कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। अगर आप इस समय यहाँ हों तो शहर में निकलने वाली नंदा देवी की झांकी भी आपको ज़रूर देखनी चाहिए।
गुप्त ऊर्जा से सराबोर कसार देवी (Kasar Devi Temple Almora)
अल्मोड़ा शहर से महज़ सात किलोमीटर की दूरी पर मौजूद कसार देवी न केवल खूबसूरत सैरगाह है बल्कि अपनी ख़ास भौगोलिक बसावट की वजह से भी नासा जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं के भू-वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के आकर्षण का केंद्र रहा है। कसार गाँव में मौजूद कसार देवी का मंदिर ‘वैन एलन रेडिएशन बेल्ट’ नाम के ख़ास भू-चुम्बकीय क्षेत्र में आने वाली उन तीन जगहों में से एक है जहां मौजूद भू-चुम्बकीय पट्टी में दुनियाभर में सबसे ज़्यादा ऊर्जा है।
माना जाता है कि यह मंदिर दूसरी शताब्दी में बनाया गया था। इस मंदिर के आस-पास मौजूद कॉस्मिक इनर्जी की वजह से यह ध्यान करने के लिए बेहतरीन जगह मानी जाती है। कसार देवी में मौजूद ‘हिप्पी हिल’ इस बात की गवाही देती है कि एक दौर में यह जगह हिप्पी मूमेंट का गढ़ भी रही थी।
कटारमल का विरला सूर्य मंदिर (Katarmal Sun Temple Almora)
अल्मोड़ा (Almora Uttarakhand) से क़रीब 18 किलोमीटर की दूरी पर बसा कटारमल सूर्य मंदिर, देश के 12 विरले सूर्य मंदिरों में शुमार है। कटारमल गाँव से स्थानीय पत्थर से बने रास्ते पर क़रीब आधा किलोमीटर का ट्रैक करके आप यहाँ पहुँचते हैं। नवीं शताब्दी में कत्यूरी वंश के राजा कटारमल द्वारा बनाया गया यह मंदिर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा संरक्षित है और इसे राष्ट्रीय महत्व की जगह माना गया है। मुख्य मंदिर क़रीब चालीस छोटे-बड़े मंदिरों के समूह के केंद्र में बना है।
मंदिर के मुख्य द्वार के सामने बने एक छोटे मंदिर में एक छिद्र बना है जिससे साल में दो बार सूर्य की पहली किरण सीधे गर्भग्रह में प्रवेश करती है, जिससे इसके स्थापत्य की विशिष्टता का पता चलता है। कहा जाता है कि यहाँ मौजूद दसवीं शताब्दी की एक मूर्ति को चोरी कर लिया गया था जिसके बाद गर्भग्रह के उत्कीर्णित काष्ठ के बने ख़ास दरवाज़े को सुरक्षा की दृष्टि से दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा गया है।
बानड़ी देवी का खूबसूरत ट्रैक (Banadi Devi Temple Almora)
अल्मोड़ा से क़रीब 30 किलोमीटर दूर पौधार नाम की एक जगह से आधे घंटे का खूसबूरत ट्रैक करके आप बानड़ी देवी तक आ सकते हैं। देवदार और चीड़ के घने जंगलों के बीचों बीच पहाड़ी पर बने इस मंदिर तक की यात्रा आपको रोमांच से भर देगी। तीखी चढ़ाई चढ़ने के बाद मंदिर के छोरों से दिखने वाला आस-पास का विहंगम नज़ारा आपकी थकान को एकदम भुला देता है।
अल्मोड़ा मृग विहार और चिड़ियाघर (Almora Zoo)
अल्मोडा में मौजूद चिड़ियाघर भी परिवार के साथ जाने के लिए बेहतरीन विकल्प है। यहाँ मौजूद पाँच गुलदारों को टहलता हुआ देखकर आप अपनी यात्रा के रोमांच में और इज़ाफ़ा कर सकते हैं। इस हरी-भरी जगह पर टहलते हुए आप हिरन और पहाड़ी भालू का दीदार भी कर सकते हैं।
भगवान का न्यायालय चितई गोलू देवता मंदिर (Chitai Temple Almora)
अल्मोड़ा के पास ही चितई में गोलू देवता का मंदिर है जिसे स्थानीय लोग न्याय का देवता मानते हैं। ख़ास बात यह है कि लोग यहाँ स्टाम्प पेपर पर मन्नतें और शिकायतें लिखकर इसे घंटियों के साथ बांध देते हैं।
देवदार के घने जंगलों के बीच बसे इस मंदिर के बारे में मान्यता यह है कि एक दिन स्टाम्प पेपर पर लिखी इन अर्ज़ियों की सुनवाई होगी और पहाड़ के यह लोक-देवता उन्हें इंसाफ़ दिलाएँगे।
अल्मोड़ा कब जाएँ (Best time to visit Almora)
सर्दियों की शुरुआत में अगस्त से नवम्बर के बीच यहाँ आकर आप गुनगुनी धूप का आनंद उठा सकते हैं। इसके बाद ठंड बढ़ जाती है तो गर्म कपड़े अपने साथ रखना ना भूलें। फ़रवरी से मई के बीच भी यहाँ का मौसम खुशनुमा बना रहता है।
अल्मोड़ा कैसे जाएँ (How to reach Almora Uttarakhand)
नज़दीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जहां से टैक्सी लेकर क़रीब तीन घंटे में अल्मोड़ा पहुँचा जा सकता है। पंतनगर तक हवाई सेवा भी मौजूद है और वहाँ से कैब लेकर करीब पाँच घंटे में आप अल्मोड़ा पहुँच सकते हैं। दिल्ली जैसे मुख्य शहरों से सीधी बस लेकर भी आप यहाँ आ सकते हैं।
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