गुवाहाटी (Guwahati) को पूर्वोत्तर के प्रवेशद्वार कहा जाता है। ऊपरी तौर पर बेहद व्यस्त दिखने वाले इस शहर में कई ऐसे ठिकाने हैं जहां पहुँचकर आपके यात्री मन को बेहद सुकून मिलता है। कभी प्रागज्योतिषपुर नाम से मशहूर रहा असम का यह शहर न केवल कई संस्कृतियों का संगम है बल्कि ब्रह्मपुत्र के किनारे नीलांचल, भस्माचल और चिंत्रांचल जैसी उपत्यिकाओं के बीच बसा गुवाहाटी देश के बेहद पुराने शहरों में से एक है।
ये रही गुवाहाटी में घूमने की बेहतरीन जगहें (best places to visit in guwahati)
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उमानंद – दुनिया का सबसे छोटा नदी द्वीप (Umanand Island)
गुवाहाटी के कछारी घाट से जेटी लेकर आप एक ऐसे सफ़र पर न निकल सकते हैं जो बेहद रोमांचक है। जेटी क़रीब पेंतालीस मिनट में आपको उमानंद द्वीप पर लेकर आती है जिसे दुनिया का सबसे छोटा नदी द्वीप माना जाता है। रास्ते में ब्रह्मपुत्र नदी का विस्तार आपको चकित करता है। उमानंद द्वीप को पिकॉक आइलैंड भी कहा जाता है क्योंकि दूर से यह मोर की तरह दिखता है। इस द्वीप में भस्मांचल पर्वत की चोटी पर उमानंद का मंदिर भी बना है जिसकी बहुत मान्यता है। यहाँ इमली के ढ़ेर सारे पेड़ों की छाया में बैठकर ब्रह्मपुत्र नदी को बहते हुए देखना कमाल का अनुभव है।
कामाख्या देवी मंदिर – जहां योनि पूजी जाती है (Kamakhya Devi Mandir)
गुवाहाटी के केंद्र क़रीब आधे घंटे की दूरी पर मौजूद कामाख्या देवी मंदिर भी अपने में अनूठी जगह है। नीलांचल पर्वत की चोटी पर बने इस मंदिर तक पहुँचने के लिए मुख्य सड़क से आपको थोड़ा सा पैदल चलना पड़ता है। ख़ास बात यह है कि मंदिर के गर्भग्रह में योनि के आकार की एक चट्टान बनी हुई है जिसकी लोग पूजा करते हैं। यह जगह देश के सबसे पुराने शक्तिपीठों में से एक है। माना जाता है कि जून के महीने में माँ कामाख्या रजस्वला होती हैं और इस समय तीन दिन तक मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान यहाँ अंबुवाची मेला लगता है जिसमें देशभर से हज़ारों श्रद्धालु आते हैं। इस समय लाल कपड़ा और सिंदूर लोगों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। मंदिर के पास की पहाड़ियों से रात के वक्त ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे जगमागते गुवाहाटी का खूबसूरत नजारा भी आप देख सकते हैं।
बालाजी मंदिर – पूर्वोत्तर में दक्षिण भारत की झलक (Balaji Temple)
गुवाहाटी जाएं तो आपको यहाँ के पूर्वा तिरुपति बालाजी मंदिर भी ज़रूर जाना चाहिए। इस मंदिर समूह की सफ़ेद रंग इमारतें अपने स्थापत्य के लिए भी मशहूर है। भगवान वेंकटेश को समर्पित इस मंदिर में चार टन की एक विशाल मूर्ति भी रखी है। साथ ही, परिसर में खूबसूरत बगीचे बने हैं जहां लोग परिवार के साथ आना बहुत पसंद करते हैं। पूर्वोत्तर में बना दक्षिण भारतीय शैली का यह मंदिर भारत की विविधता में एकता की भी बानगी पेश करता है। मंदिर के बाहर बने खाने के स्टॉल में आप पूर्वोत्तर के स्ट्रीट फ़ूड का मज़ा भी ले सकते हैं।
पलटन बाज़ार और फ़ेंसी बाज़ार – गुवाहाटी के आर्थिक केन्द्र (Paltan Bazar)
गुवाहाटी के रेलवे स्टेशन से लगा पलटन बाज़ार बहुत पुराना बाज़ार है। यहाँ आपको ज़रूरत का सभी सामान तो मिलता ही है इसके अलावा यह कपड़ों की ख़रीदारी के लिए भी आस-पास के इलाक़ों का केंद्र है। शाम के वक्त यहाँ बहुत चहल-पहल रहती है। यहाँ की दुकानों से आप असम के चाय बाग़ानों की मशहूर चाय की ख़रीदारी कर सकते हैं। यहाँ से कुछ दूरी पर ही फ़ेंसी बाज़ार है जहां इलेक्ट्रोनिक से लेकर कपड़ों, आभूषणों, दफ़्तर का सामान, फ़र्नीचर तक सब कुछ मिलता है। इस बाज़ार को गुवाहाटी का आर्थिक केंद्र भी कहा जाता है। आप अगर खाने-पीने और खासकर मिठाइयों के शौक़ीन हों तो आपको यहाँ ढ़ेर सारे विकल्प मिल जाएँगे। यहाँ असम के स्थानीय पकवानों से सज़ी थाली का लुत्फ़ लेना न भूलें।
नवग्रह मंदिर – ग्रहों को समर्पित अनूठा मंदिर (Navgraha Temple)
चित्रांचल पर्वत पर बना नवग्रह मंदिर देश के ऐसे विरले मंदिरों में से एक है जहां नौ ग्रहों की पूजा होती है। यह मंदिर ज्योतिष के लिहाज़ से भी अहम माना जाता है। भारत की प्राचीन शिखर शैली के स्थापत्य वाले इस मंदिर में छत की जगह विशाल गुंबद बना हुआ है। यहाँ नौ शिवलिंगों के ज़रिए नौ ग्रहों को दर्शाया गया है। मंदिर के बीच सिलपोखरी नाम से एक तालाब भी बना है। आप यहाँ से गुवाहाटी शहर और ब्रह्मपुत्र नदी के नज़ारे भी देख सकते हैं।
दीपोर बील – ब्रह्मपुत्र घाटी की सबसे बड़ी झील (Dipor Beel)
गुवाहाटी से क़रीब तेरह किलोमीटर की दूरी पर बसा दीपोर बील दरसल एक झील है जिसे ब्रह्मपुत्र वैली का सबसे बड़ा बील या झील माना जाता है। यह सुंदर हरी-भरी जगह प्रवासी पक्षियों के दीदार के लिए बेहतरीन ठिकाना है। कहा जाता है कि यहाँ दो सौ से ज़्यादा पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। हाथी, तेंदुआ और भालू जैसे पशु भी यहाँ देखने को मिल जाते हैं। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो गुवाहाटी आकर इस जगह जाना बिलकुल न भूलें।
इसके अलावा गुवाहाटी के संग्रहालय, कलाक्षेत्र, प्लेनेटेरियम, और छिड़ियाघर भी कुछ ऐसी जगहें हैं जहां आप घूम सकते हैं। ब्रह्मपुत्र नदी पर रिवर क्रूज़ का आनंद भी आप यहाँ आकर ले सकते हैं।
गुवाहाटी जाने का सबसे अच्छा समय (Best Time to visit Guwahati
अक्टूबर से अप्रेल के बीच यहाँ आने के लिए सबसे मुफ़ीद समय है। इसके अलावा बिहू फ़ेस्टिवल के दौरान भी गुवाहाटी आकर इस पारंपरिक उत्सव में शिरकत कर सकते हैं।
गुवाहाटी कैसे पहुँचे
गुवाहाटी देश के अहम शहरों से रेलमार्ग द्वारा अच्छे से जुड़ा हुआ है। प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से भी इसकी कनेक्टिविटी अच्छी है। लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई हवाई अड्डा शहर से 25 किलोमीटर की दूरी पर है। जहां देश के मुख्य शहरों से लगातार विमान सेवाएँ उपलब्ध रहती हैं।