फ्लोरेन्स और पीसा ( Florence and Pisa) यूरोप की वो जगहें हैं जो अपनी सदियों पुरानी मीनारों और इमारतों के लिए मशहूर हैं।
किताबों के पन्ने पलटते हुए माइकलएंजिलो (Michelangelo) और गैलीलियो (Galileo) के नाम ज़िंदगी में आए और ज़िंदगी के पन्ने पलटते हुए आज मैं उनकी यादों के शहर में था. अपनी पहली विदेश यात्रा में इन डॉ जगहों का शामिल होना मेरे खुशनसीबी ही थी.
अपनी यूरोप ट्रिप (Europe trip in Hindi) के दौरान यूरोप के कई हिस्सों में घूम-घाम के आज हम आ गए थे इटली के फ़्लोरेंस (Florence) और आज हमें एक और खास जगह जाना था.
वो जगह थी पीसा की झुकी हुई मीनार.
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इटली (Italy) का यह शहर अपने आर्ट, कल्चर के लिए तो दुनिया भर में मशहूर है ही, खास तौर पर यूरोप में हुए रेनेसा यानी पुनर्जागरण की शुरुआत करने वाले शहर के तौर पर भी इसे जाना जाता है.
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एक दिन में पीसा और फ्लोरेन्स (Florence and Pisa tour in one day)
अपनी यूरोप यात्रा में हमारे पास फ्लोरेन्स और पीसा (Florence and Pisa) घूमने के लिए केवल एक दिन था। यह गाइडेड टूर था तो इस एक दिन में ही हमें इन दोनों जगहों की मुख्य इमारतों को देखने का मौका मिल गया। अगर आप भी एक दिन में दोनों जगहों पर घूमना चाहते हैं तो यह ब्लॉग ज़रूर पढ़ें।
पियाजा डी सेंटा क्रूस (Piazza di Santa Croce Florence)
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फ़्लोरेंस की अपनी यात्रा की शुरुआत हमने यहां के मशहूर चौक पियाजा डी सेंटा क्रूस (Piazza di Santa Croce Florence) से की. यहां हमारे सामने था मशहूर फ़्रांसीसी चर्च बेसिलिका डी सेंटा क्रूस (basilica of Santa Croce).
खास बात यह है कि यहां मशहूर मूर्तिकार माइकलएंजिलो और वैज्ञानिक गैलीलियो की क़ब्र भी बनी हैं. पास ही में फ़्लोरेंस की सेंट्रल लाइब्रेरी भी दिख रही थी.
डूओमो स्क्वायर (duomo Florence)
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यहां से आगे बढ़े तो हम पहुंच गए डूओमो स्क्वायर पर. हमारे एकदम सामने था सेंटा मारिया देल फ़ियोरे (Cattedrale di Santa Maria del Fiore). इस कथीड्रल की शानदार इमारत को देखकर कौन कह सकता है कि यह 11वीं सदी के मुख्य चर्च में से एक है.
रंगीन संगमर का यह चर्च फ़्लोरेंस के आर्किटेक्चर की बानगी दे रहा था. यह चर्च अपने लाल गुंबद की वजह से भी एक अलग पहचान रखता है.
जिओतो क्लॉकटावर (Giotto’s Bell tower)
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चर्च की इमारत में एक क्लॉक टावर भी नज़र आ रहा था. जिओतो (Giotto) नाम का यह घंटाघर हरे और सफ़ेद संगमरमर का बना हुआ है और इसकी मीनार गोथिक स्टाइल (Gothic Style) की बनी है. इ
स टावर में सीढ़ियाँ भी बनी हैं जिनपर चढ़कर आप पूरे शहर का नज़ारा देख सकते हैं. पर अफ़सोस कि हमें समय की कमी के चलते यह मौक़ा नहीं मिला.
यहां से हम बढ़ गए अगले पियाज़ा यानी चौक की तरफ़. दुनिया के हर कोने से आए लोग यहां दिखाई दे रहे थे. इस वक़्त हम दुनिया के सबसे सुंदर शहरों में से एक में जो थे.
पियाज़ा डेला सिग्नोरिया (Piazza della signoria)
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अभी जहां हम खड़े थे उसका चौक का नाम था पियाज़ा डेला सिग्नोरिया (piazza della signoria). दूर से ही मशहूर मूर्तिकार माइकलएंजिलो की बनाई डेविड की मूर्ति नज़र आ रही थी.
बाद में पता चला कि यह दरअसल उनकी बनाई असल मूर्ति की रेप्लिका है.
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इस चौक का नाम पड़ा यहां मौजूद इमारत पलाज़ो डेला साइनोरिया (piazza della signoria) के नाम पर जो कि फ़्लोरेंस की सबसे अहम जगह में से एक है.
फ़्लोरेंस के रिपब्लिक को गवर्न करने वाली बॉडी साइनोरिया का दफ़्तर यही इमारत है. यानी कि ये है फ़्लोरेंस का टाउन हॉल. फ़्लोरेंस की राजनीति में आज भी इस जगह की सबसे ज़्यादा अहमियत है.
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इस पियाज़ा में दिख रही ये जगह है लोजिया डेला सिग्नोरिया (Loggia della Signoria). इस ओपन एयर आर्ट गैलरी में कई मशहूर मूर्तियां हैं. सीड़ियों पर नज़र आती यह शेर की मूर्ति मेडीसीज़ लायन (Mercedes lion Florence) कहलाती है.
दूसरी मूर्ति पेट्रोक्लस (Patroclus) का शरीर अपने हाथ में उठाए मेनेलस की है.
एक और मूर्ति जो अलग से नज़र आती है वो है मेड्यूसा (Medusa) की क़लम की हुई धड़ अपने हाथ में उठाए परसियस (Perseus) की. यह मूर्ति तांबे की बनी है और इसे बनाया है सेलिनी (Cellini) नाम के मशहूर मूर्तिकार ने.
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अगली मूर्ति सबाइन महिला के बलात्कार को दिखाती है.
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मूर्तिकला की शानदार मिसाल पेश करने वाली इस जगह पर क़रीब दो घंटे बिताकर हम बढ़ गए आगे.
उफ़ीजी गैलरी (Uffizi Gallary)
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फ्लोरेन्स और पीसा (Florence and Pisa) की यात्रा करते हुए हम उफ़ीजी गैलरी (Uffizi Gallary) से गुज़रते हुए आर्नो नदी के किनारे आ गए. कुछ देर नदी किनारे हम फ़्लोरेंस को निहारते रहे और फिर वक़्त हो गया आगे बढ़ने का.
उत्साह कम होने का नाम नहीं ले रहा था क्योंकि अब हमें जाना था पीसा की झुकी हुई मीनार (leaning tower of pisa) की तरफ़ जिसका नाम अब तक सिर्फ़ जीके और हिस्ट्री की किताबों में ही पढ़ा था.
पीसा की झुकी हुई मीनार (leaning tower of pisa)
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इसे देखने के लिए अब हम आ गए थे इटली के पीसा नाम के शहर में. इस वक़्त हम थे पियाज़ा डेई मिराकोली (piazza dei miracoli) में. हमारे ठीक सामने थी पीसा की बपटिस्ट्री जिसके पीछे था कथीड्रल.
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इसी कथीड्रल के बग़ल में बनी है दुनिया के आश्चर्यों में से एक रही पीसा की ऐतिहासिक मीनार. यह मीनार बनने के बाद ही झुक गई थी और फ़िलहाल क़रीब 4 डिग्री तक झुकी हुई है. झुकी होने के कारण इसकी ऊँचाई एक तरफ़ से क़रीब 183 फ़ीट है तो दूसरी तरफ़ से 186 फ़ीट.
यह वाकई एक आश्चर्य है कि इतनी झुकी होने के बावजूद भी यह मीनार अब तक टिकी हुई है. अब आप यह भी जानना चाहेंगे कि पीसा की मीनार कब बनाई गई ? पीसा की मीनार का इतिहास यही है यह मीनार 1173 में बननी शुरू हुई लेकिन इसे पूरा होने में 200 साल का वक़्त लग गया.
उस दौर में पीसा एक अमीर शहर हुआ करता था. फ़्लोरेंस और पीसा के बीच आपसी दुश्मनी थी. फ़्लोरेंस पर अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए पीसा की यह मीनार बनाई गई. पीसा की मीनार के बारे में एक खास बात यह है कि 8 मंज़िलों की यह विशाल मीनार बनने के दौरान ही झुकने लगी थी.
आज फ्लोरेन्स और पीसा (Florence and Pisa) में पूरा दिन यूरोप की हैरतंगेज़ इमारतों और कलाकृतियों को देखने के नाम रहा. अब यह यात्रा अपने आख़री पड़ाव की तरफ़ बढ़ रही थी.
यहां देखिए इस यात्रा का पूरा वीडियो