Shillong tourist places : शिलांग (Shillong), मेघालय (Meghalaya) की सबसे खूबसूरत जगहों में से है। बादलों के घर कहे जाने वाले मेघालय की गारो, ख़ासी और जयंतिया पहाड़ियों के बीच बसी खूबसूरत सैरगाहों में प्राकृतिक ख़ूबसूरती अपने चरम पर होती है। अगर आपको प्रकृति से बेहद क़रीब हो जाने का अहसास पाना हो तो पूर्वोत्तर के मेघालय की यात्रा आपको ज़रूर करनी चाहिए।
मेघालय के ईस्ट ख़ासी ज़िले का मुख्यालय शिलांग उन जगहों में से है जिसने शहरीकरण के बावजूद अपने नैसर्गिक सौंदर्य को बनाए रखा है। भौगोलिक समानताओं और इसके सौंदर्य के कारण ब्रिटिश अधिकारियों ने शिलांग को ‘स्कॉटलैंड ऑफ़ ईस्ट’ का नाम दिया और इसे अपनी समर कैपिटल भी बनाया। ये रहे शिलांग के पर्यटक स्थल जहां जाकर आपका मन खुश हो जाएगा।
इस ब्लॉग में पढ़ें
डॉन बॉस्को म्यूज़ियम
(Don Bosco Centre for Indigenous Cultures)
डॉन बॉस्को सेंटर फ़ॉर इंडीजीनस कल्चर नाम से मशहूर यह संग्रहालय पूर्वोत्तर की संस्कृति, इतिहास और भूगोल के बारे जानने के लिए बेहतरीन जगह है। इस सात मंज़िला इमारत तस्वीरों, मानचित्रों, आर्ट इंस्टालेशन, ऑडियो-विज़ुल वग़ैरह के ज़रिए पूर्वोत्तर की सभी जनजातियों के रहन-सहन, खान-पान, हथियारों, खेती और शिकार करने के तरीक़ों जैसी तमाम जानकारियाँ आपको मिल जाती हैं।
यहाँ तक कि मूर्तियों के ज़रिए गारो, ख़ासी, जयंतिया, नागा, कुकी जैसे तमाम आदिवासी समुदायों के चेहरे-मोहरों का बेहद महीन चित्रण यहाँ देखने को मिल जाता है।
पूर्वोत्तर के पड़ोसी देशों की संस्कृति की झलक के साथ-साथ पूर्वोत्तर में क्रिश्चन मिशनरियों के इतिहास के बारे में भी आपको यहाँ आकर पता चलता है। सबसे ऊपरी मंज़िल पर बनी स्काई वॉक भी यहाँ का अहम आकर्षण है जहां से शिलांग शहर और उसके आस-पास की चोटियों के खूबसूरत नज़ारे देखने को मिलते हैं।
वॉर्ड्स लेक (Wards Lake Shillong)
ब्रिटिश दौर में असम के कमिश्नर रहे सर विलियम वॉर्ड्स के नाम पर बनी मानव निर्मित झील वॉर्ड्स लेक शिलांग का एक बेहद ख़ास पर्यटन स्थल है। झील के चारों ओर फूटपाथ, पार्क और बेंच बने हैं जहां सैर करने और सुकून से बैठकर शिलांग के मनोहारी मौसम के आनंद लेने आपको ज़रूर जाना चाहिए।
शहर के केंद्र में बने पुलिस बाज़ार से पैदल दूरी पर बने इस पार्क में सूर्यास्त से पहले जाकर आप बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। झील में तैरते और आस-पास टहलते बत्तख़ों के झुंड पार्क की ख़ूबसूरती को और बढ़ा देते हैं। पेड़ों और फूलों की क्यारियों से घिरे इस हरे-भरे पार्क में आप बर्ड वॉचिंग का लुत्फ़ भी ले सकते हैं।
गोल्फ़ कोर्स (Shillong golf course)
शिलांग का गोल्फ़ कोर्स दुनिया के सबसे पुराने और खूबसूरत गोल्फ़ कोर्स में से एक है। देवदार के पेड़ों और पहाड़ियों से घिरा हरा-भरा विस्तार और खिलखिलाती धूप इसे शिलांग की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक बना देते हैं। अठारह होल वाले इस विशाल गोल्फ़ कोर्स में सुबह और शाम की सैर करने और पिकनिक मनाने के लिए कई लोग आते हैं। अगर आप शिलांग जाएं तो समय निकालकर दिन एक छोटा सा हिस्सा आपको यहाँ ज़रूर बिताना चाहिए।
एलीफ़ेंट फ़ॉल (Elephant falls)
शिलांग शहर से क़रीब बारह किलोमीटर की दूरी पर एलीफेंट फ़ॉल नाम का यह झरना अपने शांत वातावरण के लिए लोकप्रिय है। यहाँ पहाड़ियों से छलछलाती धाराएँ तीन झरनों का निर्माण करती हैं।
एक झरने को देखने के लिए एक प्लेटफ़ॉर्म बना है। बाक़ी दो झरनों के किनारे सीढ़ियाँ बनी हुई हैं जिनपर उतरते हुए आप इनके क़रीब जा सकते हैं।
सबसे निचले हिस्से में एक छोटी सी ताल बनी हुई है जिसके किनारे खड़े होकर आप इन झरनों की ख़ूबसूरती को अच्छे से निहार सकते हैं। कहते हैं कि यहाँ आए एक बड़े भूकम्प से पहले इन फ़र्न की प्रजातियों से सराबोर इन पहाड़ियों का आकार हाथी की तरह था इसलिए इस जगह का यह नाम पड़ा। झरने के प्रवेश द्वार के पास मैदान में एक छोटा सा बाज़ार भी है जहां से आप स्थानीय आभूषणों और सजावटी सामान की ख़रीददारी कर सकते हैं।
मेरी हेल्प ऑफ़ क्रिश्चन कथीड्रल
(Mary Help of Christians Cathedral, Shillong)
इसका दूसरा नाम कथीड्रल कैथोलिक चर्च भी है। शिलांग के ये चर्च अपने गोथिक शैली के शानदार आर्किटेक्चर और ख़ूबसूरत मेहराबों के लिए जाने जाते हैं। हरे-भरे मैदान के इर्द-गिर्द बनी इसकी शानदार इमारत देखने लायक़ है। यहाँ के मैदान में रंगीन काँच के अंदर इसाई धर्म ग्रंथ की घटनाओं को दिखाती कई मूर्तियों की प्रदर्शनी भी हैं जो रात के वक्त जगमगाती रोशनी में बेहद खूबसूरत लगती हैं।
शिलांग पीक (Shillong Peak)
शिलांग से क़रीब दस किलोमीटर की दूरी पर मौजूद शिलांग पीक यहाँ का एक बेहद आकर्षक व्यू पॉइंट है। मेघालय की सबसे ऊँची चोटी शिलांग पीक से एक ओर शिलांग शहर का विस्तार नज़र आता है तो दूसरी ओर शिलांग के ग्रामीण के नज़ारे भी यहाँ से देखे जा सकते हैं। शाम के वक्त की सैर और सूर्यास्त के बेहद सुंदर नज़ारों के लिए आपको इस जगह पर ज़रूर आना चाहिए। इस वक्त धीरे-धीरे अंधेरे की गिरफ़्त में जाते और फिर जगमगाती रोशनी में डूबते शिलांग शहर के दिलकश नज़ारे आपका मन मोह लेते हैं।
उमियम लेक (Umiam Lake)
शिलांग से क़रीब पंद्रह किलोमीटर दूर उमियम नदी पर बांध बनाकर बनी इस झील का विस्तार आपको अचंभित कर देता है। स्थानीय लोगों के बीच यह झील बड़ा पानी झील नाम से भी मशहूर है। हरी-भरी ईस्ट ख़ासी हिल्स से घिरी इस झील में आप बोटिंग, वॉटर स्कीइंग, क्रूज़ राइड, फ़िशिंग जैसी तमाम गतिविधियों का मज़ा ले सकते हैं। इसके अलावा झील किनारे बने पार्क में बैठकर आप प्राकृतिक नज़ारों और स्थानीय जनजीवन का अनुभव ले सकते हैं।
शिलांग कब जाएँ (Best time to visit Shillong)
शिलांग की सबसे अच्छी बात यह है कि यहाँ साल के हम मौसम में बेहतरीन वातावरण रहता है। मार्च से जून तक गर्मियों का मौसम रहता है पर अधिकतम तापमान 24 डिग्री तक ही जाता है। जून से सितंबर तक बरसात का मौसम रहता है इसलिए पर्यटक कम आते हैं। अक्टूबर से फ़रवरी के बीच सर्दियाँ रहती है। पर्याप्त कपड़ों की व्यवस्था के साथ आएँ तो इस मौसम में भी आप पहाड़ों की धूप का लुत्फ़ ले सकते हैं।
शिलांग कैसे पहुँचें (How to reach Shillong)
नज़दीकी हवाई अड्डा उम्रोई एयरपोर्ट है जो शिलांग से क़रीब पच्चीस किलोमीटर दूर बड़ापानी नाम की जगह पर है। गुवाहाटी तक आप रेल से जा सकते हैं, जहां से खूबसूरत हाइवे पर क़रीब तीन घंटे का सफ़र तय करके आप शिलांग पहुँच सकते हैं। गुवाहाटी तक बड़े शहरों से बसें भी चलती हैं जहां से शिलांग के लिए कैब और शेयर्ड कैब और बस भी उपलब्ध रहती हैं।