कन्याकुमारी में घूमने के लिहाज़ से (Kanyakumari places to visit) बहुत कुछ है। यह देश के दक्षिणतम इलाके में बसी ऐसी अकेली जगह है जहां तीन समुद्र आपस में मिलते हैं। दक्षिण भारत के तमिल नाडु का यह शहर अपने बीच, मंदिर और स्मारकों के लिए तो मशहूर है ही लेकिन कन्याकुमारी में सूर्योदय और सूर्यास्त (Sunrise and sunset in Kanyakumari) के नज़ारे देखने के लिए ख़ासतौर पर लोग यहाँ आते हैं।
यहाँ के सूर्योदय और सूर्यास्त में ऐसा क्या ख़ास है यह जानने के लिए इस ब्लॉग को पूरा पढ़ें। साथ ही, इस ब्लॉग में आप यह जानकारियाँ भी मिलेंगी
- कन्याकुमारी कैसे पहुँचें
- कन्याकुमारी में कहाँ घूमें
- कन्याकुमारी जाने का सबसे अच्छा समय क्या है
तो आइए जानते हैं कन्याकुमारी की यात्रा के बारे जानने लायक ज़रूरी बातें (Things to know about Kanyakumari) और ये भी कि कन्याकुमारी में घूमने लायक जगहें कौन सी हैं (Best places to visit in Kanyakumari)?
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कन्याकुमारी कैसे पहुँचें (How to reach Kanyakumari)
कन्याकुमारी भारत के सूदूर दक्षिण में स्थित एक जगह है जिसे कुमारी अंतरीप भी कहा जाता है। कन्याकुमारी का नज़दीकी हवाई अड्डा तिरुअनंपुरम है जहां से कन्याकुमारी आप टैक्सी, बस या ट्रेन से कन्याकुमारी पहुँच सकते हैं। यह दूरी क़रीब 97 किलोमीटर है जिसे आप ढाई से तीन घंटे में तय कर पाएँगे।
कन्याकुमारी में घूमने की जगहें (Places to visit in Kanyakumari)
कन्याकुमारी में घूमने के लिहाज़ से बहुत कुछ है। यहाँ बीच से लेकर स्मारक, मंदिर और बाज़ार भी हैं जहां आप घूमने जा सकते हैं। कन्याकुमारी दक्षिण भारत के बड़े शहरों में से इसलिए आपको यहाँ काफ़ी चहल-पहल देखने को मिलती है। अगर आपके पास एक या दो दिन का समय है तो आप कन्याकुमारी की इन जगहों पर घूम सकते हैं
विवेकानंद रॉक मेमोरियल (Vivekaanand rock Memorial)
विवेकानंद रॉक मेमोरियल कन्याकुमारी की सबसे मशहूर जगहों में से एक है। यह समुद्र के एक छोटे से चट्टानी द्वीप पर बना विवेकानंद का स्मारक है जहां कभी स्वामी विवेकानंद तैर कर पहुँचे थे। इस जगह आकर उन्होंने लम्बे वक्त तक ध्यान किया। 1970 में स्वामीविवेकानंद की याद में यह स्मारक बनाया गया।
यह स्मारक कन्याकुमारी में वावाथूराई नाम की जगह पर मेनलैंड से क़रीब आधा किलोमीटर दूर समुद्र के ऊपर चट्टान को काटकर बनाया गया है। कहा जाता है कि विवेकानंद अपनी हिमालय यात्रा के बाद कन्याकुमारी पहुँचे तो उन्होंने समुद्र में तैरते हुए यह द्वीप खोज लिया और फिर वो यहाँ ध्यान में रम गए जिसके बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई।
पोडामंडपम या पादमंडप
विवेकानंद रॉक मेमोरियल हिंदु धर्म के धार्मिक स्थलों में भी एक है। माना जाता है कि यहाँ मां कन्याकुमारी ने शिव की पूजा की थी इसलिए इसकी धार्मिक मान्यता भी बहुत है। यहाँ चट्टान पर चरणों की एक आकृति बनी हुई है जिसे मां कन्याकुमारी के चरण माना जाता है और इस जगह पर अब एक मंदिर बना दिया गया है जिसे पोडामंडपम कहते हैं।
विवेकानंद मंडप
यहाँ बने विवेकानंद मंडप के भीतर आपको विवेकानंद की एक बड़ी सी प्रतिमा भी देखने को मिल जाएगी।
सूर्योदय केलेंडर
यहाँ फ़र्श पर एक ख़ास कैलेंडर भी बना है जिससे आपको यह अंदाज़ा हो सकता है कि उत्तरायण से दक्षिनायण के बीच कब किस दिशा से सूर्योदय होगा।
इस मेमोरियल तक जाने के लिए आपको फेरी से जाना होता है जो सुबह सात बजे से ही चलनी शुरू हो जाती है। फ़ेरी की लाइन बहुत लम्बी होती है इसलिए आप सुबह जल्दी निकल जाएं तो बेहतर रहता है।
तिरुवल्लुवर की मूर्ति (Thiruvalluvar statue)
तिरुवल्लुवर दक्षिण के प्रसिद्ध कवि और दार्शनिक थे। रॉक मैमोरियल के पास बनी उनकी विशालकाय मूर्ति अलग से नज़र आ जाती है। इस मूर्ति की ऊँचाई 41 मीटर है और यह पत्थर की बनी है।
त्रिवेणी संगम (Triveni Sangam in Kanyakumari)
कन्याकुमारी की ख़ास बात यह है कि यह एक अकेली ऐसी जगह है जहां अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर आपस में मिलते हैं। इसी संगम स्थली को त्रिवेणी संगम कहा जाता है। लोग इसे गंगासागर के नाम से भी जानते हैं। यहाँ देश भर के इलाके से आए लोग डुबकी भी लगाते हैं। गंगासागर में डुबकी लगाने का अपना धार्मिक महत्व भी माना जाता है।
कन्याकुमारी में सूर्योदय (Sunrise point in Kanyakumari)
कन्याकुमारी में सूर्योदय देखने के लिए दूनियाभर से लोग यहाँ आते हैं। होटल में बाक़ायदा कर्मचारी आपको सुबह-सुबह आकर जगा देते हैं कि सूर्योदय का वक्त हो गया। मुँह अंधेरे सूरज को उगते हुए देखने के लिए लोगों का मेला लगा रहता है। सब सूरज के उगने की दिशा में जाते हुए मिलते हैं।
कन्याकुमारी बंगाल की खाड़ी पर बना पोत या पीयर सूयोदय देखने के लिए बेहतरीन जगह है। सुबह-सुबह आपको इस पीयर सूरज के उगने का इंतज़ार करते सैकड़ों लोग मिलेंगे। पत्थरों का बना यह पोत समंदर पर खींची गई पत्थर की लकीर सा दिखाई देता है जो दूर तक चली जाती है। इसी लकीरनुमा रास्ते पर एक किनारे बैठकर आप सूर्योदय देख सकते हैं। यहाँ से ठीक सामने विवेकानंद रॉक मैमोरियल और उससे लगा तिरूवल्लुवर का स्टेच्यू भी दिखाई देता है। जिसके बग़ल से उगते हुए सूरज का नज़ारा बेहद शानदार होता है।
कन्याकुमारी में सूर्यास्त (Sunset point in Kanyakumari)
कन्याकुमारी का सूर्यास्त भी सूर्योदय की तरह ही बहुत मशहूर है। कन्याकुमारी की बाज़ार के पास ही सनसेट पॉइंट बना हुआ है। यहाँ बाक़ायदा एक वॉचटावर भी है। आप चाहें तो इसके छत पर जाकर सूर्यास्त का सुंदर नज़ारा देख सकते हैं।
कन्याकुमारी की ख़ास बात यह है कि यह उन विरली जगहों में से है जहां आपको सूर्यास्त एकदम समुद्र की सतह पर होता हुआ दिखाई देता है।बादल ना लगे हों तो यह नज़ारा अकल्पनीय हो जाता है। समंदर की लहरों में आपको सूरज के तमाम रंग देखने को मिल जाते हैं। ऐसा लगता है कि समुद्र की लहरें एकदम क्षितिज के समानांतर हों।
कन्याकुमारी बीच
कन्याकुमारी में कुछ छोटे-छोटे बीच भी हैं। आप यहाँ से तीनों महासागरों में आती-जाती लहरों का लुत्फ़ ले सकते हैं। कन्याकुमारी आकर यहाँ के बीच में कुछ वक्त बिताना एक अच्छा अनुभव साबित होता है।
अब्दुल कलाम संग्रहालय (Abdul Kalam museum in Kanyakumari)
इसके अलावा कन्याकुमारी में पूर्व राष्ट्र्रपति, वैज्ञानिक और मिशाइल मैन के नाम से मशहूर अब्दुल कलाम का संग्रहालय भी है। जहां जाकर आप उनके जीवन से जुड़ी कई बातें जान सकते हैं। अगर आप बच्चों के साथ कन्याकुमारी जा रहे हों तो उन्हें यह जगह ज़रूर दिखाएं।
कन्याकुमारी जाने का सबसे सही समय (Best time to visit Kanyakumari)
समुद्री किनारा होने के कारण कन्याकुमारी में उमस बहुत रहती है। इसलिए कन्याकुमारी जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के बीच का रहता है। ख़ासकर नवंबर के बाद यहाँ का मौसम बहुत सुहावना रहता है।
1 Comment
gulshan kumar
(December 11, 2023 - 8:55 am)कन्या कुमारी घूमने के बारे में अच्छी जानकारी मिली |