रुपाली ‘संझा’ पाँच मार्च को खंडवा में पैदा हुई। उन्होंने मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों में रहते हुए समस्त शिक्षा दीक्षा प्राप्त की। 1989 में भूगोल विषय में प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान (स्वर्ण पदक) के साथ स्नातकोत्तर करने के तुरंत बाद ही उसी महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक पद पर नियुक्ति ।चार साल बाद अन्यत्र सरकारी विभाग में स्थानांतरित।अठारह सालों की यंत्रवत चलती जा रही अध्यापन कार्य की इस सरकारी नौकरी को अठारह साल पूर्व विराम देने के उपरांत वर्तमान में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में यथा अहा ज़िंदगी, कथादेश, अट्टहास, स्वर्ण वाणी, संगिनी, अमर उजाला, दैनिक भास्कर, सन्मार्ग, प्रभात खबर में समसामयिक आलेख, यात्रा वृत्तांत, कहानी, कविताएँ, संस्मरण तथा हास्य व्यंग्य की रचनाओं के माध्यम से जीवन के बहुरंगों को अपने तई दुनिया के सामने लाने का प्रयास जारी है। इनके अलावा तीन नितांत पृथक धरातलों पर लिखी पाँच किताबें अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं।
तुर्की के केपेदोकिया ( cappadocia turkey) की यात्रा पर आधारित यह यात्रा वृत्तांत हमें लेखिका रूपाली संझा ने भेजा है। उन्होंने तीन यात्रा वृत्तांत लिखे…