दुनिया के पहले रोटेयर गोंडोला से माउंट टिटलिस की यात्रा

माउंट टिटलिस (Mount Titlis Switzerland) जाने के लिए ल्यूसर्न (lucerne Switzerland) के अपने होटल से निकलकर हम एक खूबसूरत यात्रा पर निकल चुके थे. बस एक सुंदर सी सड़क से गुज़र रही थी और रास्ते भर स्विट्ज़रलैंड (Switzerland) के ख़ूबसूरत पहाड़ों नज़ारे दिखाई दे रहे थे. क़रीब एक घंटे की यात्रा के बाद हम थे एंगलबर्ग (Engelberg Switzerland) में.

एंगलबर्ग एक छोटा सा पहाड़ी शहर है. स्विट्ज़रलैंड की छोटी-छोटी पहाड़ियों से घिरे इस इलाके से शुरू होती यूरि आल्प्स की चोटी पर बने माउंट टिटलिस की यात्रा.

सबसे पहले हमने टिकिट काउंटर से टिटलिस एक्सप्रेस (Tiflis Express) का टिकिट लिया. यहां से केबल कार में बैठकर हम निकल पड़े एक जादुई सफ़र पर. 

 

केबल कार से एंगलबर्ग का खूबसूरत नज़ारा (फ़ोटो : उमेश पंत)

 

केबल कार से माउंट टिटलिस की यात्रा (Mount Titlis Switzerland cable car)

 

केबल कार हमें ऊंचे-ऊंचे पेड़ों के ऊपर से ले जा रही थी. हम हवा के बीच तारों में लटके हुए थे. शीशे की दीवारों वाली इस केबल कार पर बैठे हम लगातार आल्प्स की ऊंचाइयों की तरफ़ बढ़ रहे थे. इस केबल कार में चार से छः लोग आराम से बैठ सकते थे. आस-पास बेहद खूबसूरत नज़ारा था. हम शब्दशः हवाओं से बातें कर रहे थे.

एंगलबर्ग के इलाके में चार झील हैं जिनमें से एक है ट्रिब्सीबाह जो हमें इस वक़्त अपने ठीक नीचे दिखाई दे रही थी. चटख हरे पहाड़ों के बीच हरे रंग की यह झील इस नज़ारे को और भी मनोहारी बना रही थी. बहुत नीचे कई लोग पहाड़ी ट्रैक पर पैदल चलते हुए भी दिखाई दे रहे थे.

सैलानी यहां से टिटलिस के लिए हाइकिंग का मज़ा भी लेते हैं. यानी पैदल चलने के शौकीन माउंट टिटलिस (Mount Titlis Switzerland) तक ट्रैक करके भी जा सकते हैं. पर इसके लिए आपको कई घंटों का समय चाहिए. हम जैसे-जैसे ऊपर बढ़ रहे थे लग रहा था कि बादलों के बीच पहुंच गए हों. थोड़ी ही देर में सफ़ेद कुहासे ने हमें पूरी तरह घेर लिया. 

 

केबल कार से दिखती ट्रिप्सीबाह झील (फ़ोटो : उमेश पंत)

 

जहां से हम केबल कार में बैठे थे उस जगह की ऊंचाई समुद्र तल से 900 मीटर थी. और हम जिस ऊंचाई की तरफ़ बढ़ रहे थे वो थी 3000 मीटर पर. ज़ाहिर था ऊपर पहुंचकर नज़ारे एकदम बदल जाने वाले थे और यही हुआ भी.

स्टैंड नाम के स्टॉप पर हम केबल कार से उतर गए. यहां से हमें दूसरी केबल कार लेनी थी. इस स्टॉप पर एक कैफ़े भी बना है. आप चाहें तो यहां खा-पी भी सकते हैं और फिर अपनी यात्रा को जारी रख सकते हैं.

यहां हम एक नायाब सी केबल कार में चढ़े जिसे रोटेयर गोंडोला कहते हैं. यह गोंडोला दुनिया का पहला 360 डिग्री घूमने वाला गोंडोला है. 

इस गोंडोला में क़रीब पचास लोग समा सकते हैं. पर हां इसमें आपको खड़े होकर यात्रा करनी होती है. शीशे की दीवारों वाला यह गोंडोला चारों ओर घूम रहा था ताकि हम यूरी आल्प्स के ज़्यादा से ज़्यादा नज़ारों का लुत्फ़ उठा सकें.

मौसम थोड़ा घिरा हुआ था. हम बर्फ़ से पटे ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों और ग्लेशियर के एकदम बीचों-बीच थे. घूमती हुई इस विशाल केबल कार की शीशे की दीवारों के बाहर जो नज़ारे थे वो किसी जन्नत से कम नहीं थे. 

क़रीब 10 मिनट का ये रोमांचक सफ़र तय करके हम आ गए ‘क्लेन टिटलिस’ यानी टिटलिस की चोटी पर. तो केवल आधे घंटे में हम सिफ़र से शिखर पर थे.

 

Mount Titlis Switzerland
माउंट टिटलिस की चोटी पर (फ़ोटो : उमेश पंत)

 

यहां पहुंचते ही सबसे पहले हमें दिखा एक कैफ़े और कैफ़े में था हमारे लिए एक सरप्राइज़. यहां शाहरुख़ और काजोल का बड़ा सा कटआउट लगा हुआ था. दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे फ़िल्म का ये कटआउट हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री को एक तरह से स्विट्ज़रलैंड का शुक्रिया अदा करने का तरीका था. क्योंकि बॉलीवुड की फ़िल्मों की स्विट्ज़रलैंड में इतनी शूटिंग हुई है कि इससे यहां के टूरिज़्म को भी बूस्ट मिला है.

यहां से खा-पीकर हम जैसे ही निकले हमारी आंखों के सामने था बर्फ़ से लकदक शानदार ग्लेशियर. ग्लेशियर पर कुछ देर हमने बर्फ़ के मज़े लिए. यहां दुनिया के हर कोने से लोग आए हुए थे. एक मशीन भी लगी हुई थी जिससे बर्फ़ के छोटे-छोटे फ़ाहे निकल रहे थे जो हवा में चारों ओर बिखर रहे थे. लोग बर्फ़ के गोले बनाकर उसे एक-दूसरे पर फेंकने के खेल का मज़ा भी ले रहे थे. 

 

Mount Titlis Switzerland top
मशीन से होती बर्फ़बारी का आनंद उठाते पर्यटक (फ़ोटो : उमेश पंत)

 

पर्यटकों के अनुभव को और मज़ेदार बनाने के लिए यहां आइस फ़्लायर का इंतज़ाम भी था. जिसपर बैठकर ग्लेशियर के चारों ओर के नज़ारे एकदम क़रीब से लिए जा सकते थे. इसके अलावा यहां एक ग्लेशियर पार्क भी था जहां ट्यूबस में बैठकर लोग बर्फ़ पर फिसलने का मज़ा ले रहे थे.

धूप और बादल लगातार लुकाछिपी का खेल खेल रहे थे. पहाड़ की चोटियों पर तेज़ी से गुज़रते बादलों को देखकर लग रहा था जैसे हमारी ही तरह वो भी एक यात्रा पर हों.

कुछ देर यहां बिताकर हम आ गए इस ग्लेशियर की चोटी पर. यहां पर मेटल के बने एक एलीवेटेड प्लैटफ़ॉर्म के छोर पर खड़े होकर हमें नीचे नज़र आया एक बहुत ही शानदार सस्पेंशन ब्रिज. बस थोड़ी ही देर में हमने उस ब्रिज को तलाश लिया. 100 मीटर लम्बा ये सस्पेंशन ब्रिज 2012 में बना था. यह यूरोप का सबसे ऊंचाई पर बना हुआ सस्पेंशन ब्रिज है.

यानी क़रीब 10 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर. पर्यटकों के बीच यह क्लिफवॉक के लिए मशहूर है. ज़मीन इस पुल से क़रीब आधा किलोमीटर नीचे थी. ज़ाहिर है नीचे देखने पर डर तो लगना ही था. इतनी ऊंचाई पर वो भी हिलते हुए पुल पर वॉक करना ही अपने आप में एक रोमांचक अनुभव था.

 

Mount Titlis Switzerland Bridge
10 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर बना सस्पेंशन ब्रिज (फ़ोटो : उमेश पंत)

 

इस पुल के दूसरे छोर पर एक बार फिर शुरू हुई एक अनोखी यात्रा. यहां बर्फ़ से ढके पहाड़ों के अंदर एक गुफा बनी हुई थी. जैसे ही हमने इस ग्लेशियर केव में क़दम रखे हमारा शरीर कांपने लगा. डर से नहीं ठंड से. यहां टेम्प्रेचर था -1.5 डिग्री. जो सालभर इतना ही रहता है. केव के अंदर फ़र्श पर अच्छी ख़ासी फिसलन थी.

कहा जाता है कि यहां जो बर्फ़ है वो आज से 5 हज़ार साल पुरानी है. यानी तबकी जब प्रागैतिहासिक काल (प्रीहिस्टोरिक पीरियड) हुआ करता था और आग का आविष्कार भी नहीं हुआ था. इस गुफा में बर्फ़ से कई तरह की आकृतियां भी बनाई गई हैं.

इस 150 मीटर लम्बी सुरंग को हल्की नीली रोशनी से सजाया गया है जिससे इसकी खूबसूरती और बढ़ गयी है. इस सुरंग के बीच फिसलते-बचते हुए चलना अपने में एकदम अलग और अनूठा अनुभव रहा.

 

Ice cave Mount Titlis Switzerland
ग्लेशियर केव जहां 5 हज़ार साल पुरानी बर्फ़ है (फ़ोटो : उमेश पंत)

 

यूरोप आकर लग रहा था कि इतनी दुरूह ऊंचाई पर पहुंचने के अनुभव को इतना आसान बना देना एक साधन संपन्न देश के लिए ही संभव है. एक पूरा दिन स्विस आल्प्स की इन खूबसूरत ऊंचाइयों में बिताने के बाद हम केबल कार से वापस लौट आए. 


माउंट टिटलिस कैसे पहुंचें (How to reach Mount Titlis Switzerland)

माउंट टिटलिस (Mout Titlis Switzerland) जाने के लिए आपको एंगलबर्ग से केबल कार मिलती है. एंगलबर्ग सेंट्रल स्विट्ज़रलैंड का एक बेहद खूबसूरत पहाड़ी इलाका है जो पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है. यहां नज़दीकी शहर ल्यूसर्न से बस लेकर आया जा सकता है. यह मात्र 35 किलोमीटर का सफ़र है जिसमें एक घंटे का समय लगता है. 

ल्यूसर्न और ज्यूरिख़ जैसे शहरों से सीधी ट्रेन लेकर भी एंगलबर्ग पहुंचा जा सकता है. 

नज़दीकी हवाई अड्डा ज्यूरिख़-क्लेटोन है जहां से इसकी दूरी 90 किलोमीटर है.


माउंट टिटलिस के बारे में कुछ रोचक जानकारियां (Facts about Mount Titlis Switzerland)

 

1744 में पहली बार माउंट टिटलिस पर किसी पर्वतारोही ने क़दम रखे.

1912 में पहली बार केबल कार की यात्रा यहां शुरू हुई. 

1992 में दुनिया की पहली रिवोल्विंग केबल कार यहां चलनी शुरू हुई जिसे रोटेयर गोंडोला कहते हैं.


माउंट टिटलिस के बारे में यह भी जान लें (Interesting facts about Mount Titlis Switzerland)

अगर आपके पास समय और पैसा दोनों है तो आप यहां गर्म इगलू यानी बर्फ़ के बने छोटे से घर में रात बिताने का अनुभव भी ले सकते हैं. माउंट टिटलिस के लिए जाने वाली केबल कार की क़ीमत है 92 शेफ़ यानी क़रीब 6700 रुपए.

अगर आप आइस फ़्लायर का मज़ा लेना चाहते है तो आपको 12 शेफ़ यानी क़रीब 872 रुपए और ख़र्च करने होंगे.


इस यात्रा पर मेरा व्लॉग यहां देखें

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उमेश पंत

उमेश पंत यात्राकार के संस्थापक-सम्पादक हैं। यात्रा वृत्तांत 'इनरलाइन पास' और 'दूर दुर्गम दुरुस्त' के लेखक हैं। रेडियो के लिए कई कहानियां लिख चुके हैं। पत्रकार भी रहे हैं। और घुमक्कड़ी उनकी रगों में बसती है।

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