dawki meghalay

यह रही North East India में घूमने के लिए कंप्लीट गाइड

(Last Updated On: June 18, 2023)

North East India यानी पूर्वोत्तर भारत का इलाक़ा प्राकृतिक ख़ूबसूरती के मामले में बेमिसाल है। लेकिन लोगों का लगता है कि वहाँ जाना उतना सुरक्षित नहीं है।

पूर्वोत्तर भारत (North East India) में अलगाववाद की समस्या ज़रूर रही है लेकिन अपनी पूर्वोत्तर भारत यात्रा के दौरान लगा कि असुरक्षा का यह भाव केवल हमारी धारणा है जो हमने पूर्वोत्तर भारत के बारे में बना ली है।

उत्तराखंड, हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों से अलग अगर आप अनछुए पहाड़ों पर बेहतरीन वक्त बिताना चाहते हैं तो आपको एक बार पूर्वोत्तर भारत की यात्रा ज़रूर करनी चाहिए। 

पूर्वोत्तर भारत की संस्कृति, जनजातियाँ, उनका रहन-सहन, खान-पान इस सब के बारे में जानना इतिहास के नए हिस्से में गोते लगाने जैसा अहसास है।

पूर्वोत्तर भारत के राज्य असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा और मिज़ोरम हैं। इन्हें सेवन सिस्टर्स या सात बहनों के नाम भी जाना जाता है। आठवाँ राज्य सिक्किम है। 


इस ब्लॉग में पढ़ें

पूर्वोत्तर भारत यात्रा की पूरी जानकारी (Guide to North East India)

 

इस ब्लॉग में मैं आपके लिए लेकर आ रहा हूँ नॉर्थ ईस्ट की अपनी आइटेनरी यानी यात्रा कार्यक्रम ताकि आप अगर अपनी पूर्वोत्तर की यात्रा प्लान करें तो आपको मदद मिल सके। आप इसे नॉर्थ ईस्ट यात्रा के लिए गाइड के रूप में भी पढ़ सकते हैं। 


पूर्वोत्तर भारत कैसे पहुँचें (How to reach North East India)

 

अगर आप पूर्वोत्तर की यात्रा का मन बना चुके हैं तो पहला सवाल आपके दिमाग़ में यही आएगा कि वहाँ पहुँचना कैसे है और शुरुआत कहाँ से करनी है। मुझे भी अपना प्लान बनाने में बहुत समय लगा क्योंकि शुरुआत में यह समझ ही नहीं आता कि सात राज्यों वाले इस प्रदेश में आख़िर घूमना शुरू कैसे करना है।

मैंने रिसर्च में काफ़ी समय लगाया लेकिन आप अगर इस गाइड को पढ़ लेंगे तो आपकी मुश्किल कुछ आसान ज़रूर हो जाएगी। 

यह आइटेनरी पूर्वोत्तर के पाँच राज्यों असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर की यात्रा के लिए है। सिक्किम, त्रिपुरा और मिज़ोरम इसमें शामिल नहीं है। अपनी इस यात्रा पर मैं एक किताब भी लिख चुका हूँ। किताब का नाम दूर दुर्गम दुरुस्त है जिसे आप यहाँ से मंगा सकते हैं। 

पूर्वोत्तर की यात्रा की शुरुआत आप गुवाहाटी से कर सकते हैं। गुवाहाटी को पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। गुवाहाटी पहुँचने के लिए आपको देश के बड़े शहरों से ट्रेन और फ़्लाइट दोनों ही मिल जाएँगे। गुवाहाटी सड़क मार्ग से भी जुड़ा हुआ है तो यहाँ पहुँचना बहुत मुश्किल नहीं है।

फ़्लाइट आपको कुछ घंटों में पहुँचा देगी। शहर से हवाई अड्डे की दूरी क़रीब अठारह किलोमीटर है। दिल्ली से ट्रेन के ज़रिए यहाँ पहुँचने में क़रीब एक दिन से ज़्यादा का समय लग जाता है। रेलवे स्टेशन गुवाहाटी के मुख्य बाज़ार पलटन बाज़ार से लगा हुआ है।

पलटन बाज़ार में आपके बज़ट के मुताबिक़ हर तरह के होटल हैं। इसी बाज़ार में नेटवर्क ट्रैवलर्स जैसे बड़े ट्रैवल एजेंट भी हैं जिनके ऑफ़िस से आपको पूर्वोत्तर में कहीं भी जाने के लिए बस मिल जाती हैं।

मैं जाते हुए ट्रेन से ही गया था क्योंकि मुझे लोगों से बात करना और उनकी कहानियाँ सुनना बड़ा पसंद है और ये कहानियाँ एक लेखक के तौर पर मेरे बहुत काम की होती हैं। लंबी रेल यात्राओं में ऐसी ढ़ेर सारी कहानियां सुनने को मिल जाती हैं। हांलाकि वापसी मैंने फ़्लाइट में ही की थी।

आपके पास समय कम हो तो फ़्लाइट ही प्रिफ़्रर करें। और मेरी तरह लंबी रेल यात्राओं के शौक़ीन हों तो ट्रेन से भी जा सकते हैं। 


असम की यात्रा (Places to visit in Assam)

( यहाँ बिताएँ चार दिन )

trip to assam
Assam itinerary

 

 

  • पहला दिन : गुवाहाटी (North East India, Assam trip Day 1 :  Guwahati) 


गुवाहाटी (Guwahati) पहुँचने के बाद आप पहले दिन निमाटी घाट पर जा सकते हैं। कुछ देर ब्रह्मपुत्र नदी को निहारने के बाद जेटी लेकर उमानंद आइलैंड (Umanand Island) पहुँच सकते हैं। वापस लौटकर पूर्वा तिरुपति बालाजी मंदिर जा सकते हैं। शाम के वक्त कामाख्या मंदिर (Kamroop Kamakhya temple) पहुँचकर आप दर्शन कर सकते हैं।

और अंधेरा होने के बाद वहाँ की चोटी से ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे रोशनी में नहाते शहर को देख सकते हैं। लौटकर आप चाहें तो पलटन बाज़ार में एक चक्कर लगा सकते हैं और अपनी यात्रा के लिए ज़रूरी सामान ख़रीद सकते हैं।

 

  •  दूसरा दिन : गुवाहाटी  (North East India, Assam trip Day 2 :  Guwahati) 


दूसरे दिन सुबह-सुबह आप दीपोर बील की तरफ़ जा सकते हैं। वहाँ से वापस लौटकर सेकंड हाफ़ में आप गुवाहाटी के राज्य संग्रहालय में जा सकते हैं।

वैसे यहाँ एक प्लेनेटेरियम भी है। शाम के वक्त आप ब्रह्मपुत्र नदी पर क्रूज़ राइड ले सकते हैं और वहाँ से लौटकर रात के वक्त फ़ेंसी बाज़ार की चहल-पहल देख सकते हैं। 

 

  • तीसरा दिन : काज़ीरंगा नेशनल पार्क (North East India, Assam trip Day 3 :  Kajiranga National Park) 


गुवाहाटी में दो दिन बिताने के बाद आप अगली सुबह काज़ीरंगा नैशनल पार्क की तरफ़ जा सकते हैं।  नैशनल पार्क घूमकर रात तक आप जोरहाट पहुँच सकते हैं।

 

  • चौथा दिन : माजुली (North East India, Assam trip Day 4 :  Majuli river island) 


अगली सुबह जोरहाट से फ़ेरी लेकर आप दुनिया के सबसे बड़े रिवर आइलैंड माजुली जा सकते हैं। माजुली में पूरा दिन घूमकर आप जोरहाट वापस आ सकते हैं। 

 

  • पाँचवा दिन : शिलोंग (North East India, Assam trip Day 5 :  Guwahati to Shillong) 


जोरहाट से आप फ़्लाइट या ओवरनाइट बस लेकर शिलोंग पहुँच सकते हैं।

 


मेघालय (Places to visit in Meghalaya)

( यहाँ बिताएँ  चार दिन )

Trip to Meghalaya
5 days itinerary of Meghalaya

 

 

 

 

 

पहला दिन : शिलोंग साइट सींग  (North East India, Meghalaya Day 1 : Shillong)


शिलोंग मेघालय की राजधानी है और ब्रिटिशर्स का बसाया एक बेहद खूबसूरत पहाड़ी शहर है। शिलोंग में पहले दिन आप डॉन बॉस्को सेंटर फ़ॉर इंडीजीनस कल्चर जाकर पूर्वोत्तर भारत के इतिहास, पूर्वोत्तर भारत की जनजातियों और पूर्वोत्तर भारत की संस्कृति के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं।

यहाँ की स्काई वॉक से शिलोंग शहर और आस-पास की पहाड़ियों का नज़ारा देख सकते हैं। यहाँ से आप गोल्फ़ कोर्स जा सकते हैं। शाम के वक्त पुलिस बाज़ार होते हुए वॉर्ड्स लेक जा सकते हैं। शिलोंग के चर्च भी बहुत खूबसूरत हैं। पहली रात आप यहाँ भी घूम सकते हैं। 

 

  • दूसरा दिन : शिलोंग और उमियम लेक (North East India, Meghalaya Day 2 : Shillong and Umiam lake)


शिलोंग में दूसरे दिन आप एलीफ़ेंटा फ़ॉल और उमियम लेक होते हुए शाम को शिलोंग पीक पर जा सकते हैं।

 

  • तीसरा दिन : लिविंग रूट ब्रिज, माऊलीनोंग, डाउकी (North East India, Meghalaya Day 3 : Mawlynnong, Dawki)


तीसरे दिन आप लिविंग रूट ब्रिज होते हुए माऊलीनोंग जा सकते हैं जो एशिया का सबसे साफ़ गाँव माना जाता है। यहाँ से आप डाउकी जाकर मेघालय की खूबसूरत नदी उमंगोट में नाव की सवारी कर सकते हैं। चाहें तो यहाँ रात को कैम्पिंग कर सकते हैं या फिर शिलोंग लौटकर आ सकते हैं।

 

  • चौथा दिन : डबल डेकर रूट ब्रिज (North East India, Meghalaya Day 4 : Double decker root bridge)


चौथे दिन आप वा तिंगम मासी व्यू पाइंट, मेकडोह ब्रिज और वा काबा वॉटरफ़ॉल, नोहकलिकाई फ़ॉल घूमते हुए सोहरा तक आ सकते हैं।

सोहरा से आप तिरना होते हुए डबल डेकर रूट ब्रिज के ट्रैक पर जा सकते हैं। आप चाहें तो रात को तिरना में कैम्पिंग कर सकते हैं या फिर शिलोंग वापस लौट सकते हैं।

 


अरुणाचल प्रदेश (Places to visit in Arunachal Pradesh)

( यहाँ बिताएँ पाँच दिन )

 

Arunachal Pradesh trip
Places to visit in Arunachal Pradesh

 

  • पहला दिन : तेजपुर (Arunachal Pradesh trip Day 1 : Tejpur)


पहले दिन शिलोंग से तेजपुर आकर आप दिन में चित्रलेखा उद्यान जा सकते हैं। यहाँ से पदुम पोखरी और कनकलता उद्यान घूम सकते हैं। शाम के वक्त भैरवी मंदिर, गणेश घाट और जहाज़ घाट जा सकते हैं। यहाँ से आगे का सफ़र करने के लिए आपको इनरलाइन परमिट लेना होगा जो आप तेजपुर में अरुणाचल भवन से बना सकते हैं।

 

  • दूसरा दिन : बोमडिला (Arunachal Pradesh trip Day 2 : Bomdila)


दूसरे दिन तेजपुर से बोमडिला का सफ़र कर सकते हैं। बोमडिला पहुँचने में आठ घंटे लग जाते हैं। शाम तक बोमडिला पहुँचकर आप यहाँ के निचला गोंपा, मध्य गोंपा और ऊपरी गोंपा देख सकते हैं। बोमडिला व्यूपॉइंट पर जाकर आप भूटान और तवांग जाने वाले रास्तों और खूबसूरत पहाड़ियों को निहार सकते हैं।

 

  • तीसरा दिन : रूपा वैली (Arunachal Pradesh trip Day 3 : Rupa Valley)


तीसरे दिन आप रूपा वैली और चिलिपम गोंपा जा सकते हैं। सेसा ऑर्किड सेंचुरी भी खूबसूरत जगह है। 

 

  • चौथा दिन : सेला पास, तवांग (Arunachal Pradesh trip Day 4 : Sela Pass to Tawang)


चौथे दिन आप तवांग की तरफ़ बढ़ सकते हैं। रास्ते में सेला पास की बर्फ़ीली ऊँचाइयों और सेला लेक के खूबसूरत नज़ारों का लुत्फ़ लेते हुए तवांग पहुँच सकते हैं। शाम को तवांग के गोंपा और एशिया की सबसे बड़ी मोनेस्ट्री में घूम सकते हैं। 

 

  • पाँचवा दिन : माधुरी लेक, बुम ला (Arunachal Pradesh trip Day 5 : Madhuri Lake and Bum La)


पाँचवे दिन माधुरी लेक और बुम ला की यात्रा करके तवांग लौट सकते हैं। 

 


 

नागालैंड ( Places to visit in Nagaland)

यहाँ बिताएँ पाँच दिन 

 

places to visit in nagaland
glimps of hornbill festival and dzukou valley
  • पहला दिन : दीमापुर


पहले दिन आप तवांग से दीमापुर के लिए चल सकते हैं। दीमापुर में आपको रात को रुकना होगा। 

 

  • दूसरा दिन : कोहिमा


दूसरे दिन दीमापुर से कोहिमा आकर आप कोहिमा सेंट्रल मार्केट घूम सकते हैं। यहाँ की दूसरे विश्वयुद्ध की वार सीमेट्री में भी जा सकते हैं। समय मिले तो स्टेट म्यूज़ियम भी घूम सकते हैं।

 

  • तीसरा दिन : किसामा हेरिटेज विलेज


तीसरे दिन किसामा हेरिटेज विलेज घूम सकते हैं। यहाँ ज़ख़ामा गाँव का ट्रेक भी किया जा सकता है। यहाँ की स्थानीय राइस बीयर जोथू और स्थानीय खाना आपको ज़रूर ट्राई करना चाहिए। अगर आप दिसम्बर के महीने में जाएं तो हॉर्नबिल फ़ेस्टिवल का मज़ा लेना न भूलें। आप ट्रिप इस हिसाब से प्लान कर सकते हैं कि कोहिमा आप इस फ़ेस्टिवल के वक्त ही पहुँचें। 

 

  • चौथा दिन :  जूको  वैली 


चौथे दिन आप जूक़ो वैली के ट्रेक पर जा सकते हैं। अगर नागालैंड में हैं तो यह ट्रैक आपको बिलकुल मिस नहीं करना चाहिए। किसामा से कुछ दूर विश्वेमा से क़रीब चार घंटे की पैदल यात्रा के बाद आप जूक़ो वैली में होंगे। रात आपको यहीं बितानी होगी। गर्म कपड़ों का इंतज़ाम ज़रूर रखें क्योंकि यहाँ बहुत ठंड होती है। हो सके तो अपना स्लीपिंग बैग भी साथ रखें।

 

  • पाँचवा दिन : कोहिमा


पाँचवे दिन आप जूक़ो वैली से वापस कोहिमा आ सकते हैं। शाम को यहाँ की मार्केट में स्थानीय खाने और शॉपिंग का लुत्फ़ ले सकते हैं।

 


 

मणिपुर ( Places to visit in Manipur)

( यहाँ बिताएँ में चार दिन )

loktak lake Manipur
Loktak Lake Manipur visit
  • पहला दिन : कांगला फ़ोर्ट इंफाल


पहले दिन आप कोहिमा से इंफाल की तरफ़ जा सकते हैं। क़रीब पाँच घंटे में आप इंफाल पहुँचेंगे। यहाँ कुछ देर आराम करके शाम को आप कांगला फ़ोर्ट घूम सकते हैं और मणिपुर के इतिहास से रूबरू हो सकते हैं। 

 

  • दूसरा दिन : इंफाल 


दूसरे दिन आप स्टेट म्यूज़ियम, ज़ूलॉजिकल गार्डन, गोविंद जी मंदिर, सेकंड वर्ल्ड वार सीमेट्री में घूम सकते हैं।  

 

  • तीसरा दिन : लोकटक लेक


तीसरे दिन आप मोईरांग आकर आइएनए के संग्रहालय में सुभाष चंद्र बोस के बारे में जान सकते हैं। यहाँ से आप सेंड्रा व्यू पॉइंट आकर लोकटक लेक के खूबसूरत नज़ारे देख सकते हैं। लेक में बोटिंग भी की जा सकती हैं। यहाँ से केबुल लामझाओ नैशनल पार्क के फ़्लोटिंग आइलैंड की यात्रा कर सकते हैं। और शाम को वापस इंफाल आ सकते हैं। 

 

  • चौथा दिन : मोरे बॉर्डर


चौथे दिन आप बर्मा बॉर्डर पर बसे मोरे तक जा सकते हैं। यहाँ से रात तक आप इंफाल लौट सकते हैं। 

 


 

इस तरह आप क़रीब 22 से 25 दिनों में पूर्वोत्तर भारत के इन पाँच राज्यों की यात्रा कर सकते हैं। इनके अलावा भी पूर्वोत्तर भारत में बहुत कुछ है। इन राज्यों को अच्छे से घूमने में आपको कई महीने लग जाएँगे। यहाँ जो पूर्वोत्तर भारत यात्रा की अपनी आइटेनरी मैंने शेयर की है उससे आप अपनी यात्रा रूट का अंदाज़ा लगा सकते हैं। अपनी रुचि के हिसाब से जगहों को चुन सकते हैं।

आप चाहें तो अलग-अलग राज्य के हिसाब से हफ़्ते भर की अलग-अलग ट्रिप प्लान कर सकते हैं। पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में साल में अलग-अलग समय कई फ़ेस्टिवल होते हैं। जैसे नागालैंड का हॉर्नबिल फ़ेस्टिव, असम का बिहू, अरुणाचल प्रदेश का ज़ीरो फ़ेस्टिवल। आप इन फ़ेस्टिवल्स के हिसाब से भी अपनी यात्रा तय कर सकते हैं। 


पूर्वोत्तर भारत की यात्रा के लिए सबसे सही समय

( Best time to visit Northeast India )

मार्च से जून के बीच का समय पूर्वोत्तर भारत की यात्रा के लिए सबसे बढ़िया होता है। आप अक्टूबर से फ़रवरी के बीच भी जा सकते हैं हांलाकि इस समय ठंड अच्छी-ख़ासी रहती है। तो आप तैयारी के साथ जाएं। नागालैंड में दिसम्बर में होने वाले हॉर्नबिल फ़ेस्टिवल की वजह से इस समय भी दुनिया भर से लोग यहाँ आते हैं।


 

इस यात्रा कार्यक्रम के बारे में आपकी क्या राय है मुझे ज़रूर बताइएगा। उम्मीद है पूर्वोत्तर भारत की यात्रा की योजना बनाने में यह आइटेनरी आपकी मदद करेगी। हैप्पी जर्नी।

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उमेश पंत

उमेश पंत यात्राकार के संस्थापक-सम्पादक हैं। यात्रा वृत्तांत 'इनरलाइन पास' और 'दूर दुर्गम दुरुस्त' के लेखक हैं। रेडियो के लिए कई कहानियां लिख चुके हैं। पत्रकार भी रहे हैं। और घुमक्कड़ी उनकी रगों में बसती है।

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