
देश की राजधानी में नींद भी है एक सपना
नोट: लेख मूलतः नवभारत टाइम्स के लिए लिखा गया है और 14 नवम्बर 2015 के सम्पादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित हो […]
नोट: लेख मूलतः नवभारत टाइम्स के लिए लिखा गया है और 14 नवम्बर 2015 के सम्पादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित हो […]
सेक्रेड ग्लास बाउल प्रिया थुवत्सरी की एक डॉक्युमेंट्री फ़िल्म है जो राजस्थान में शादी से पहले ‘वर्जिनिटी टेस्ट’ करने कुप्रथा […]
पुष्पा रावत कैमरा लेकर निकलती है निम्न मध्यवर्गीय परिवार की युवा लड़कियों की उन इच्छाओं की खोज में जिन्हें रोजमर्रा […]
“ये“ लोग 2021 तक पूरे देश को हिन्दू बना देने की बात करते हैं। और सरहद पार से “वो“ लोग […]
महिला दिवस का दिन। रात के तकरीबन दस बज रहे थे। दिल्ली के जेएनयू के माही मांडवी छात्रावास के लॉन […]
रोम में एक शासक हुआ करता था- नीरो। एक ऐसा शासक जिसके शासनकाल में लगी आग की लपटें आज तक […]
हाल ही में रितेश शर्मा की एक डाक्यूमेंट्री फिल्म दिल्ली में प्रदर्शित की गई जिसमें देवदासी प्रथा जैसी ऐसी कुरीति […]
वृत्त्चित्रों को लेकर भारत में अपेक्षाकृत ठीक ठाक काम होता है लेकिन उनके प्रदर्शन को लेकर उतने प्रयास नहीं दिखाई […]
जामिया के मासकम्यूनिकेशन रिसर्च सेन्टर में साउन्ड के लेक्चरार मतीन अहमद को फिल्म चिल्ड्रन आफ पायर की साउन्ड डिजाइनिंग के […]
लगत जोबनुवा में चोट, फूल गेंदवा न मार। ये शब्द फिर गाये नहीं गये। ठुमरी के ये बोल कहीं खो […]
वे फैज नहीं हैं फैजा हैं इसलिए उनका अंदाजे बयां अलहदा है। फैज शब्दों से अपनी बात कहते थे फैजा […]
फिल्मों में रुचि रखने वाले लोगों के लिए मैन विद मूवी कैमरा एक कमाल की फिल्म है। जिस दौर में […]