Hindi travelogue Door Durgam Durust

दूर दुर्गम दुरुस्त : लॉकडाउन की क़ैद में हवा के झौंके सी किताब 

पाठकीय समीक्षा : दूर दुर्गम दुरुस्त  संयोग बड़े मजेदार होते है, सच में. आठ-दस दिन में दूसरी बार ये एहसास हुआ. उमेश पंत की पूर्वोत्तर…
Vah bhi koi Des hai Maharaj

कहानी उस ‘देस’ की जहाँ समय स्थिर है और आदमी खर्च हो रहा है

बुक रिव्यू : वह बह कोई देस है महाराज, अनिल कुमार यादव  समीक्षक : अविनाश मिश्र    अनिल कुमार यादव ने उत्तर-पूर्व की अपनी लम्बी…
Innerline Pass by Umesh Pant

‘इनरलाइन पास’ के साथ चलते-चलते दिमाग भी एक यात्रा पर निकल पड़ता है

किताब : इनरलाइन पास – यात्रा वृत्तांत (Innerline Pass by Umesh Pant) समीक्षा  : श्रीश के पाठक    बड़ी मुश्किल से हम गर्भ के कोकून…